टूटी मंदिर, गरमाई सियासत: हनुमान के नाम पर AAP और BJP के बीच जंग
देश की राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक से हनुमान मंदिर को हटाने पर सियासत गरमा गई है. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर हिंदुओं की भावना को आहत करने का आरोप लगाया. तो वहीं भाजपा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने साजिश के तहत तोड़वाया प्राचीन मंदिर..
नई दिल्ली: चांदनी चौक के Redevelopment प्रोजेक्ट के नाम पर वहां पर स्थित हनुमान मंदिर को 3 जनवरी की सुबह तोड़ने पर राजनीति चरम पर है और जमकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं. चांदनी चौक Redevelopment प्रोजेक्ट का हिस्सा दिल्ली सरकार का PWD विभाग और भाजपा शासित उत्तरी MCD है. ऐसे में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच संग्राम छिड़ गया है.
मंदिर, महाभारत और राजनीति
दिल्ली में मंदिर गिराने पर महाभारत शुरू हो चुका है. दिल्ली (Delhi) के चांदनी चौक (Chandni Chowk) में 3 जनवरी की सुबह प्राचीन हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) तोड़ दिया गया और मंदिर गिरते ही स्थानीय लोगों, संगठनों और राजनीति का आक्रोश उठ गया. हनुमान मंदिर गिराने के खिलाफ हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया. जहां मंदिर था, वहां महिलाओं ने हनुमान चालीसा का पाठ किया, विवाद और बढ़ा.. जब मंदिर गिराने की महाभारत में राजनीति की क्रेन भी घुस गई.
क्या भाजपा की मर्जी से गिरा मंदिर?
सवाल ये है, कि मंदिर पर क्रेन किसके आदेश से चली? और मंदिर गिराए जाने का जिम्मेदार कौन है? जिसकी वजह से चांदनी चौक महाभारत का मैदान बन गया? बीजेपी का आरोप है, कि चांदनी चौक का प्राचीन हनुमान मंदिर केजरीवाल सरकार की वजह से गिरा है. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि हनुमान मंदिर बीजेपी सरकार की मर्जी से गिरा है और मंदिर पर क्रेन चलवाने वाली MCD है, जिसपर बीजेपी का शासन है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया.
जिस मंदिर को गिराने पर दिल्ली में महाभारत छिड़ी है, उसे दिल्ली सरकार की चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण की योजना के तहत तोड़ा गया है. लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) का आरोप है, कि बीजेपी खुद मंदिर तोड़वाकर आम आदमी पार्टी पर आरोप लगा रही है.
क्या केजरीवाल ने तोड़वाया मंदिर?
आपको ये जानना चाहिए कि चांदनी चौक में हनुमान मंदिर गिराने की कार्रवाई उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने की है. ये कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के आदेश के बाद हुई. बीजेपी का आरोप है कि ये मंदिर गिराए जाने से बच सकता था, अगर खुद को हनुमान भक्त कहने वाले केजरीवाल सरकार की रिलिजियस कमेटी ने इस मामले को लटकाया नहीं होता.
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BJP ने ये आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने साजिश के तहत प्राचीन मंदिर तोड़वाया है. चांदनी चौक में हनुमान मंदिर गिराए जाने के लिए जिम्मेदार कौन है? कैसे सभी इस मामले में दूसरे से मिले हुए हैं? भला ये कैसे हो सकता है कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी कोई भी ना चाहे और फिर भी मंदिर गिरा दिया गया.
मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर किया प्रहार
वहीं दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने दिल्ली के सीएम पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 'मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जी अगर चुनाव होता तो ये मंदिर तोड़ने के आदेश पारित करते क्या आप? तत्काल आदेश जारी कर हनुमान जी के मंदिर का पुनर्निर्माण करवाए.'
चांदनी चौक में मंदिर तोड़े जाने पर हंगामा
दिल्ली के चांदनी चौक में हनुमान मंदिर गिराए जाने की महाभारत का स्क्रिप्ट राइटर कौन है? किसकी वजह से चांदनी चौक में हनुमान मंदिर को अतिक्रमण मानकर क्रेन चलाई गई? क्या इसके जिम्मेदार हनुमान भक्त केजरीवाल हैं? या फिर उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर चला रही बीजेपी?
मंदिर तोड़े जाने पर लोगों ने प्रदर्शन
दिल्ली के चांदनी चौक में मंदिर तोड़े जाने पर खूब हंगामा हुआ, हनुमान मंदिर तोड़े जाने पर लोगों ने प्रदर्शन किया. चांदनी चौक में मंदिर गिराने पर जो महाभारत छिड़ी है, उसकी शुरुआत साल 2015 में हुई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2015 के आदेश में चांदनी चौक के हनुमान मंदिर को अतिक्रमण माना था, और इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई के आदेश दिए थे. इस आदेश के बाद चांदनी चौक से अतिक्रमण हटाने का काम हाईकोर्ट की निगरानी में चल रहा था. 2019 में दिल्ली सरकार की रिलिजियस कमेटी ने हाईकोर्ट में अपील की और कहा कि चांदनी चौक के रिडवलपमेंट प्रोग्राम में हनुमान मंदिर भी शामिल हो. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने ये मांग खारिज कर दी.
इसके बाद दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली के कमिश्नर को पत्र लिखकर मंदिर गिराने के लिए कहा और उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 3 जनवरी को सुबह 5 बजे हनुमान मंदिर गिरा दिया. इसी साल नवंबर 2020 में श्री मनोकामना सिद्ध हनुमान सेवा कमेटी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दी थी, जिसमें कहा गया था, कि मंदिर के खिलाफ कार्रवाई ना की जाए, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था, कि दिल्ली सरकार अगर इस
मामले में हस्तक्षेप करती है, तभी अदालत संज्ञान लेगी.
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अब बीजेपी (BJP) की मांग है कि चांदनी चौक में प्राचीन हनुमान मंदिर की दोबारा स्थापना हो और दिल्ली सरकार की धार्मिक समिति मामले की दोबारा समीक्षा करे. लेकिन हनुमान मंदिर को गिराए जाने से नाराज लोगों का सवाल ये है कि क्या बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों मिलकर गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं.
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