कोलकाता: कहते हैं राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है. बंगाल की सियासत पर में दीदी का एकछत्र कब्जा है. जिसे उखाड़ने के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. जैसे-जैसे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन हो रहा है, वैसे-वैसे सियासतदानों की धड़कने तेज हो रही हैं. ममता दीदी को भी अब ऐसा लगने लगा है कि भाजपा उनकी हुकूमत पर हावी हो रही है. इसीलिए वो अपनी बेचैनी का प्रदर्शन कर रही हैं.


दीदी को गुस्सा आ रहा है, जानिए वजह


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दरअसल, दीदी की 'जान हलक में अटकी हुई है.' तभी तो वो भाजपा के खिलाफ सिर्फ ज़हर उगल रही हैं. ममता बनर्जी ने भाजपा की तुलना चोर और डकैत से कर दी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि "वो कानों में फुसफुसाते हैं कि हम चोर हैं. यहां बीजेपी से बड़ा कोई चोर नहीं है, वो चंबल के डकैत हैं."


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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ये हमला बीजेपी पर है. मंगलवार को जलपाईगुड़ी में पार्टी की चुनावी तैयारियों की जानकारी लेने पहुंची ममता बनर्जी ने सीधे-सीधे बीजेपी पर हमला कर दिया. ममता बनर्जी का ये गुस्सा यू हीं नहीं है. 2019 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को इस नॉर्थ बंगाल में बीजेपी ने बड़ा झटका दिया था. और 9 में से 8 लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था, जिसने ममता बनर्जी को परेशान कर दिया है.


यही वजह है कि ममता बनर्जी चुनाव से इतने वक्त पहले ही उत्तर बंगाल को साधने में लग गई है. और इसके लिए वो 2 दिनों तक नॉर्थ बंगल में रहकर पार्टी को मजबूत कर रही हैं.


जब TMC के गुंडो ने BSF जवान को पीटा


मुर्शिदाबाद के कांदी इलाके टीएमसी के कार्यकर्ता जुलूस निकाल रहे थे. तभी BSF के एक जवान ने सड़क से गुजर रहे टीएमसी कार्यकर्ताओं से हटने के लिए कह दिया और यही बात टीएमसी के कार्यकर्ताओं को पंसद नहीं आई. जिसके बाद उन्होंने बीएसएफ जवान की पिटाई शुरू कर दी. टीएमसी कार्यकर्ताओं की ऐसी ही गुंडागर्दी की वजह से आज पश्चिम बंगाल दिल्ली में मुद्दा बना रहा.


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बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने की मांग की. भाजपा ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस बंगाल में TMC की मदद कर रही है. राज्य सरकार के कुछ कर्मचारी TMC से जुड़े हुए हैं, उनको चुनाव कार्य में न लगाया जाए.


इस बीच गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल जाने वाले बड़े नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. बंगाल में जिन नेताओं को ज्यादा खतरा है उन्हें बुलेटप्रूफ गाड़ी भी दिया जाएगा. जिन नेताओं को जेड श्रेणी और उससे ऊपर की श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई उन्हें विजिटिंग वीआईपी प्रोटेक्टी के तहत बुलेट प्रूफ वाहन दिया जाएगा. इसके अलावा वाई और वाई प्लस श्रेणी के लोगों को भी जरूरत पड़ने पर बुलेटप्रूफ गाड़ी देने का फैसला हुआ है.


भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर हुआ था हमला


दरअसल, 10 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के डायमंड हॉर्बर में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर हमला हुआ था. जिसके बाद बीजेपी ने राज्य सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है. लेकिन टीएमसी कह रही है किसी पर 2-4 पत्थर पर जाए तो वो हमला नहीं कहलाता है. बुलेट प्रूफ गाड़ी केन्द्र सरकार दे सकती है, राज्य सरकार नहीं..


सवाल ये है कि पश्चिम बंगाल में पुलिस और सरकारी कर्मचारियों पर विपक्ष के नेताओं को क्यों भरोसा नहीं है. क्या पिछले 10 सालों में पुलिस और सरकार का राजनीतिकरण हो गया है. क्या चुनाव में ममता बनर्जी इन सवालों का जवाब दे पाएंगी. शायद यही वजह है कि ममता बनर्जी घबराई हुईं हैं, उन्हें ये डर सता रहा है कि कहीं उनकी कुर्सी अब छिन ना जाए.


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