वो एक कहावत है न, 'चोर की दाढ़ी में तिनका' ये कहावत कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर बिल्कुल सटीक बैठती है. ऐसा हम यूं ही नही कह रहे हैं, इसकी सच्चाई समझने के लिए आपको कांग्रेसियों का सियासी प्रपंच समझने की आवश्यकता है, ये भी समझने की जरूरत है कि कांग्रेस पार्टी कैसे किसान आंदोलन को अपनी सियासी ढाल की तरह इस्तेमाल करना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलन की आड़ में सियासी दुकान चमकाने वालों की पोल खोल दी तो कांग्रेसी नेताओं ने हाय-तौबा मचाना शुरू कर दिया. आपको पूरा माजरा तफसील से समझाते हैं.
कांग्रेस को मिर्ची लगी तो कोई क्या करे?
किसानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपील की और कहा कि गुमराह करने वाले आंदोलन जीवियों से सावधान रहें. कुछ विदेशी ताकतें देश को अस्थिर करना चाहती हैं. इसके साथ ही लोकतंत्र पर पीएम मोदी ने विपक्ष को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया में सबसे मजबूत है. देश के हर सिख पर पूरे देश को गर्व, जानबूझकर भड़काने का काम किया जा रहा है. कृषि सुधारों पर यूटर्न लिया, केवल राजनीति के लिए विरोध किया जा रहा है. प्रधानमंत्री की इस बात से कांग्रेस के पेट में दर्द उठ गया या यूं कहें कांग्रेसियों को मिर्ची लग गई. कांग्रेस का कहना है कि पीएम ने तथ्यों पर जवाब नहीं दिया.
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर किसानों एवं देश के लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री ने तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर उठाए गए मुद्दों पर बात करने की बजाय, बिना तथ्य के बातें कर सदन को गुमराह करने की कोशिश की. उन्होंने कहा 'हमारी अपेक्षा थी कि प्रधानमंत्री किसान आंदोलन और देश में मचे हल्ले को देखकर तीनों कानूनों को वापस लेने की बात करेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.'
मतलब साफ है कि कांग्रेस को मिर्ची लग गई है, उनको शायद ये समझ आ गया है कि पीएम मोदी ने जिन आंदोलनजीवियों के लिए तंज कसा था वो वहीं हैं. कांग्रेसियों ने खुद ही सरेंडर कर दिया कि वो आंदोलनजीवी की श्रेणी में आते हैं. इसे ही तो कहते हैं कि चोर की दाढ़ी में तिनका..
खड़गे ने ये भी कहा कि 'कांग्रेस और अन्य दलों के लोगों ने सदन में बताया कि इन कानूनों में क्या खामियां हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने इसे नजरअंदाज कर दिया. प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि लोग कानूनों को बिना पढ़े ही बातें कर रहे हैं. क्या हम लोग बिना पढ़े बोल रहे हैं?'
Watch: AICC Press Briefing by @kharge, @shaktisinhgohil, @akhileshPdsingh, @DeependerSHooda and @NasirHussainINC https://t.co/ffKDSjvpXZ
— Congress (@INCIndia) February 8, 2021
वहीं शक्ति सिंह गोहिल ने दावा कहा, "दुख के साथ कहना पड़ता है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने जवाब दिया है उससे देश के लोगों को शर्म आती है. क्या प्रधानमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति को संसद के भीतर मजाकिया बातें करनी चाहिए? प्रधानमंत्री ने विश्वासघात किया है. वह कम से कम ‘शहीद’ किसानों के लिए दो शब्द कह सकते थे."
कांग्रेस नेताओं को आईने के सामने खुद से ये पूछना चाहिए कि क्या अन्नदाताओं के आंदोलन को सियासी अड्डा बनाने की साजिश नहीं रची गई? क्या उन्होंने सियासी रोटियां सेकने की कोशिश नहीं की? कांग्रेसियों का ड्रामा यहीं खत्म नहीं हुआ, इसके बाद जनाब रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तो ट्वीट की बौछार लगा दी. उनको इस कदर मिर्ची गई की उन्होंने पीएम मोदी के सामने सवालों का बंडल परोस दिया वो भी उनके सवाल कितने वाजिब हैं इसका फैसला देश खुद कर लेगा. खैर कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना...
इसी बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए पीएम का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया और लिखा कि ''इन दिनों एक नई जमात सामने आई है, आंदोलन जीवी- जो जीता ही आंदोलन पर हैं. देश में एक और एफडीआई आ रहा है. इसे विदेशी विनाशकारी विचारधारा कहा जाता है. इसको हतोत्साहित करना होगा.
इन दिनों एक नई जमात सामने आई है
आंदोलन जीवी- जो जीता ही आंदोलन पर हैं।
There is another FDI coming to the country. It is called Foreign Destructive Ideology. This has to be discouraged.#PMinRajyaSabha pic.twitter.com/TDiwI0O85I
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) February 8, 2021
पीएम मोदी ने देश के किसानों के हितों लिए राज्यसभा में क्या कुछ कहा आपको नीचे दिए उनके भाषण से समझ आ जाएगा.
PM Modi का संबोधन
"सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है. ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई. किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे. जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती. खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है. मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी की बात बताना चाहता हूं. वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे. पहले की सरकारों की सोच में छोटा किसान था क्या? जब हम चुनाव आते ही एक कार्यक्रम करते हैं कर्जमाफी, ये वोट का कार्यक्रम है या कर्जमाफी का ये हिन्दुस्तान का नागरिक भली भांति जानता है, लेकिन जब कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है. पहले की फसल बीमा योजना भी छोटे किसानों को नसीब ही नहीं होती थी. यूरिया के लिए भी छोटे किसानों को रात-रात भर लाइन में खड़े रहना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे."
"पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है. 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया. अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं. इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं. अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती, तो ये आंकड़ा उससे भी ज्यादा होता. 2014 के बाद हमने कुछ परिवर्तन किया, हमने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा दिया ताकि किसान, छोटा किसान भी उसका फायदा ले सके. पिछले 4-5 साल में फसल बीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपये के क्लेम किसानों को दिए गए है."
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"कुछ लोग खासकर पंजाब के सिख भाईयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं. ये देश हर सिख पर गर्व करता है, उन्होंने देश के लिए क्या कुछ नहीं किया. उनका जितना हम आदर करें, वो कम होगा. जो लोग उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश का कभी भला नहीं होगा."
नेताजी.. पब्लिक सब जानती है
शायद ये वाली बात कांग्रेस को सबसे ज्यादा बुरी लगी है, जिसके बाद उनकी बौखलाहट सामने आ गई. एक के बाद एक कांग्रेसी नेताओं ने पीएम के संबोधन पर विवाद खड़ा करना शुरू कर दिया. खैर, वो कहते है 'ये पब्लिक है ये सब जानती है, पब्लिक है.' तो कांग्रेस नेताओं की राजनीति को भी पब्लिक अच्छे से समझती है.
वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर लिखा कि 'आज राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जी ने अपने धन्यवाद उद्बोधन में किसान व गरीब कल्याण से लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के संकल्प को बहुत व्यापक रूप से उल्लेखित किया. PM In Rajya Sabha आप इस भाषण को अवश्य सुनें व लोगों से साझा करें.'
आज राज्यसभा में प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने अपने धन्यवाद उद्बोधन में किसान व गरीब कल्याण से लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के संकल्प को बहुत व्यापक रूप से उल्लेखित किया। #PMInRajyaSabha
आप इस भाषण को अवश्य सुनें व लोगों से साझा करें।https://t.co/M5Ior4oOXi
— Amit Shah (@AmitShah) February 8, 2021
अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों के प्रति सरकार की नीयत और नीतियों का स्पष्ट वर्णन कर उनकी आय को दोगुना करने के संकल्प को दर्शाया है. मैं मोदी जी के शब्दों को दोहराते हुए कहता हूं कि देश की प्रगति के लिए सभी को समस्या का हिस्सा बनने की बजाए.. समाधान का माध्यम बनना होगा.
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सवाल तो उठता है कि क्या वाकई कांग्रेस के नेता आंदोलनजीवी है? जब पीएम मोदी ने किसानों को आंदोलनजीवियों से सावधान रहने को कहा तो कांग्रेस को मिर्ची क्यों लगी. इसका जवाब तो राहुल बाबा और प्रियंका मैडम को देना ही पड़ेगा.
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