अब्दुल्ला परिवार ने भी `लूट` ली जमीन, BJP को जमकर कोसा
जम्मू-कश्मीर के रोशनी जमीन घोटाले को लेकर फारूक पर रविशंकर प्रसाद ने बड़ा हमला किया है. उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला परिवार ने सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर घर बनाया. 3 कैनाल खरीदकर, 7 कब्जा किया..
नई दिल्ली: गुपकार गैंग के गुनाहों की असलियत सामने आती जा रही है. रोशनी एक्ट के तहत 25 हज़ार करोड़ की ज़मीन का घोटाला हुआ, तो सियासत में जबरदस्त उबाल आ गया. इस बीच भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी फारूक अब्दुल्ला पर बड़ा हमला किया है.
गुपकार के Farooq ने किया 'कैनाल' कांड!
फारूक अब्दुल्ला सहित जम्मू-कश्मीर के प्रमुख नेताओं ने सरकारी जमीनों को हथियाने और विनियोजित करने के लिए अपने प्रभाव और शक्ति का इस्तेमाल किया. रोशनी स्कैम के नाम से मशहूर इस बड़े पैमाने पर घोटाले पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए जमकर लताड़ लगाई.
बीजेपी का फारूक अब्दुल्ला पर बड़ा हमला
'रोशनी एक्ट की आड़ में अब्दुल्ला परिवार ने किया भ्रष्टाचार'
'फारूक अब्दुल्ला ने भी की जमीन की लूट'
'जमीन घोटाले में फारूक की बहन सुरैया का भी नाम'
'हाईकोर्ट ने रोशनी एक्ट को असंवैधानिक बताया'
'स्वायत्तता के नाम पर अपने परिवार की सेवा कर रहे थे'
'रोशनी एक्ट के तहत अपने परिवार की रौशनी बढ़ा रहे थे'
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि "जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने रोशनी एक्ट को असंवैधानिक घोषित किया है और कहा है कि जिन लोगों ने इस अधिनियम के तहत भूमि का अधिग्रहण किया है, उनके नाम को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए और सार्वजनिक किया जाना चाहिए. उस सूची में राज्य के विभिन्न राजनेताओं के नाम सामने आए हैं."
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि "1998 में फारूक अब्दुल्ला ने 3 कनाल भूमि खरीदी थी, लेकिन उन्होंने 7 कनाल भूमि का अतिक्रमण किया, जो कि खरीद का आकार दोगुना था जो कि एक जंगल और एक राज्य भूमि थी."
उन्होंने कहा कि "रोशनी घोटाले के तहत, फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया मट्टू का नाम भी सामने आया है जो 3 कनाल भूमि की लाभार्थी है. जम्मू कश्मीर की जमीन उन्हीं के लिए ही थी, हमें जानकारी मिली है कि इस पूरे मामले में फारूक अब्दुल्ला की बहन हैं. सुरैया का नाम भी शामिल वो भी रोशनी एक्ट में शामिल हैं. जम्मू शेरे कश्मीर भवन भी रोशनी एक्ट के जमीन पर बना है."
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि "जम्मू-कश्मीर के शक्तिशाली लोगों द्वारा एक सचेत ज़मीन की लूट थी, जो कि रोशनी अधिनियम के तहत लाभ प्राप्त कर रहे थे. जिसे जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित किया गया था. यह एक लोकतांत्रिक राजनीति में जम्मू-कश्मीर के शक्तिशाली लोगों द्वारा एक निम्न स्तर की राजनीति है और हम इसकी निंदा करते हैं."
साथ ही रविशंकर प्रसाद ने कहा कि "जम्मू में नवाई-सुबाह ट्रस्ट है वह भी तो नेशनल कांफ्रेंस का है वह भी गरीबों को जमीन मिले कोई आपत्ति नहीं है. जंगल की जमीन को ऐसे करना बहुत ही निचले स्तर की राजनीति है. कोर्ट ने कहा है की वो जमीन लोगों को वापस मिलनी चाहिए. एक्ट में बड़े बड़े लोग कैसे शामिल हो जाते हैं? ये बातें कश्मीरी जनता और देश के सामने आनी चाहिए, जो जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता की बात करते हैं ये सिर्फ उनके खुद के लिए थी. वो 370 को वापस लाना चाहते हैं, पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं. "
रोशनी एक्ट का गुनाह छिपाने के लिए हंगामा कर रहा है घोटालेबाज गुपकार गैंग
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