नई दिल्ली: बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में साल भर देश-विदेश से श्रद्धालुओँ का तांता लगा रहता है. वो मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने पर दिल खोलकर महाकाल के चरणों में चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. पिछले दिनों एक श्रद्धालु ने तीन महीने रुककर मंदिर प्रांगण में 151 किलो की चांदी का गेट बनवाया और भगवान महाकाल को चढ़ाया.


श्रद्धालु ने 151 किलो चांदी का गेट बनावाया


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महाकाल मंदिर के प्रशासक सुजान सिंह रावत ने बताया कि 'महाकाल मंदिर में जिस श्रद्धालु ने तीसरा चांदी का गेट बनाया है, वो फिटजी के संस्थापक हैं. वो गेट लगभग 151 किलो चांदी से बना है. तीन महीने यहीं रहकर उन्होंने चुरू के कलाकारों से चांदी का ये गेट बनवाया. ये करीब (82) बयासी लाख रुपये के खर्च से बना है.'


हर साल की तरह इस बार भी दिसंबर के तीसरे हफ्ते में महाकाल मंदिर की दानपेटियां खोली गईं. तो इसमें भारतीय रुपयों के अलावा 31 अलग देशों की विदेशी मुद्राएं भी पाईं गईं. ये बताती हैं कि कैसे दुनिया के कई देशों मे महाकाल के भक्त बसते हैं.


विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं


महाकाल मंदिर प्रशासक ने ये भी बताया कि महाकाल मंदिर में देश के अलावा विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. अभी यहां एक सौ बत्तीस नोट प्राप्त हुए हैं, जिनमें इकत्तीस अलग-अलग विदेशी मुद्राएं हैं. वहीं दान पेटियों में चढ़ाए गए भारतीय मुद्रा में ये करीब दो लाख रुपये हैं.


251 रुपये की पर्ची कटवाने की तादाद में भी तेजी


यही नहीं, नये साल से ठीक पहले महाकाल के स्पेशल दर्शन के लिये 251 रुपये की पर्ची कटवाने की तादाद भी तेजी से बढ़ी है. पिछले दस दिनों में यानी 18 दिसंबर से 28 दिसंबर के दौरान ही 251 रुपये की पर्ची के जरिये महाकाल मंदिर को लगभग 26 लाख साठ हजार रुपये की आय हो चुकी है.


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महाकाल मंदिर प्रशासन के मुताबिक रोजाना करीब पांच हजार भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं. और ये सिलसिला हर रोज सुबह चार बजे की भस्म आरती से लेकर रात की शयन आरती तक चलता है.


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