Valentine's Day के खास मौके पर अस्त हो रहा प्यार बढ़ाने वाला ग्रह शुक्र

शुक्र ग्रह को प्रेम का कारक माना गया है. कुंडली में लग्न, पंचम, सप्तम तथा एकादश भावों से शुक्र का संबंध होने पर युवक या युवती प्रेमी स्वभाव के होते हैं. प्रेम होना अलग बात है और प्रेम का सफल होना या मिल पाना अलग बात है. इन दोनों ही स्थितियों के लिए शुक्र का होना जरूरी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 10, 2021, 09:21 AM IST
  • किसी भी ग्रह का सूर्य के पास आना उसे अस्त कर सकता है
  • मन का स्वामी चंद्रमा, आकर्षण और खूबसूरती के देव हैं शुक्र
Valentine's Day के खास मौके पर अस्त हो रहा प्यार बढ़ाने वाला ग्रह शुक्र

नई दिल्लीः प्यार वाला महीना जारी है और Valentine Week का खुमार भी मौसम में है, लेकिन लगता है कि इस बार ग्रह-नक्षत्र दो दिलों को मिलाने के मूड में नहीं हैं. सनातन परंपरा की ओर नजर डालें तो 14 फरवरी 2021 के दिन ही शुक्र ग्रह अस्त हो रहे हैं. दांपत्य, प्रेम, आकर्षण, सुंदरता के ग्रह शुक्र ही दो दिलों को मिलाने वाले माने जाते हैं. ऐसे में Valentine's Day के खास दिन ही उनका अस्त हो जाना क्या इशारा कर रहा है? क्या शुक्र ग्रह प्रेमियों के प्रेम के लिए और तरसाना चाहते हैं. 

क्यों महत्वपूर्ण हैं शुक्र ग्रह?
ज्योतिषशास्त्र की ओर नजर डालें तो शुक्र ग्रह को प्रेम का कारक माना गया है. कुंडली में लग्न, पंचम, सप्तम तथा एकादश भावों से शुक्र का संबंध होने पर युवक या युवती प्रेमी स्वभाव के होते हैं. प्रेम होना अलग बात है और प्रेम का सफल होना या मिल पाना अलग बात है. इन दोनों ही स्थितियों के लिए शुक्र का होना जरूरी है.

ऐसे में प्यार के इजहार वाले दिन ही शुक्र के अस्त होने के कारण इसका असर दो लोगों के संबंधों पर पड़ सकता है. ज्योतिष के अनुसार पंचम भाव प्रेम का भाव होता है और सप्तम भाव विवाह का. पंचम भाव का सम्बन्ध जब सप्तम भाव से होता है तब दो प्रेमी वैवाहिक सूत्र में बंधते हैं. 

Love और Love Marrage पर असर डालता है शुक्र
इस बात के ऐसे समझें कि आपको किसी से प्रेम कैसे हो सकता है? आपका किसी से मन लगे और मन उनमें ही उलझा रह जाए. उनके प्रति आकर्षित हों और जब भी उन्हें देखें तो दिमाग थोड़ा सोचना बंद कर दे. प्यार में सोच-समझकर नहीं किया जाता, यह सारी बातें ऐसे ही हवा में नहीं की गई हैं.

दरअसल ज्योतिष भी इसे पूरा समर्थन देता है. मन का स्वामी होता है चंद्रमा, आकर्षण-प्रसन्नता और खूबसूरती के देव हैं शुक्र और यह दोनों मिलकर बृहस्पति को प्रभावित करते हैं. यानी कि मस्तिष्क पर असर डालते हैं. इसलिए शुक्र और चंद्र की स्थिति प्रेम कराने के लिए जरूरी होती है. Love का सीधा संबंध दिल से है. चौथे स्थान पर बैठा हुए चंद्रमा से कुंडली के चौथे, आठवें, बारहवें तथा सातवें भावों पर अगर मंगल और शुक्र स्थित हो तो जातक लव ही नहीं करता लव मैरिज भी करता है.  

शुक्र के अस्त होने का अर्थ
किसी भी ग्रह का सूर्य के पास आना उसे अस्त कर सकता है. इसी तरह से जब शुक्र ग्रह का गोचर होता है और वह किसी विशेष स्थिति में सूर्य के इतना समीप आ जाता है कि उन दोनों के मध्य 10 अंश का ही अंतर रह जाता है तो शुक्र ग्रह अस्त हो जाता है. इसी स्थिति में शुक्र के मुख्य कारक तत्वों में कमी आ जाती है. ग्रह अपने शुभ फल देने में कमी कर सकता है.

हर कोई चाहता है कि उसके जीवन में स्नेह और प्रेम बरकरार रहे और सभी प्रकार के सुखों से प्राप्त होते रहें. ऐसे में शुक्र ग्रह का मजबूत होना बेहद जरूरी है. शुक्र एक कोमल ग्रह है. इस Valentine-2021 को शुक्र अस्त रहेंगे इसलिए प्रेम में सफलता की गारंटी शायद ही मिले. 

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