दिल्ली CWG का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं एथलीट, ये खिलाड़ी हैं मेडल के सबसे मजबूत दावेदार

Indian Athletics Team 2022 CWG: देश का एथलेटिक्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिल्ली 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में रहा है जिसमें दो स्वर्ण, तीन रजत और सात कांस्य पदक ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा के खाते में रहे थे. भारतीय एथलीट अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहे हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 23, 2022, 05:38 PM IST
  • एंडरसन पीटर्स से नीरज चोपड़ा की टक्कर
  • महिला एथलीट कर सकती हैं ऐतिहासिक प्रदर्शन
दिल्ली CWG का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं एथलीट, ये खिलाड़ी हैं मेडल के सबसे मजबूत दावेदार

Commonwealth Games 2022: बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय एथलेटिक्स टीम से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर फैंस की उम्मीदें और बढ़ा दी हैं. सभी की निगाहें ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा पर ही हैं लेकिन मुरली श्रीशंकर और अविनाश साबले भी पदक के मजबूत दावेदारों में शामिल हैं.

इससे भारतीय एथलेटिक्स टीम की निगाहें बर्मिंघम में घरेलू सरजमीं के बाहर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर लगी होंगी. महिला भाला फेंक एथलीट अनु रानी और 38 साल की अनुभवी चक्का फेंक एथलीट सीमा अंतिल (राष्ट्रमंडल खेलों में तीन रजत और एक कांस्य) पोडियम स्थान हासिल कर सकती हैं जबकि भारत के पुरूष त्रिकूद स्पर्धा में एक से ज्यादा पदक जीतने की उम्मीद है. 

2020 में एथलेटिक्स टीम ने किया था शानदार प्रदर्शन

कई विश्व स्तरीय खिलाड़ियों के आने से भारत 28 जुलाई से आठ अगस्त तक चलने वाले खेलों में आधा दर्जन पदकों की उम्मीद लगाये होगा. देश का एथलेटिक्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिल्ली 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में रहा है जिसमें दो स्वर्ण, तीन रजत और सात कांस्य पदक ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा के खाते में रहे थे. उस प्रदर्शन की बराबरी करना हालांकि निश्चित रूप से मुश्किल होगा लेकिन भारतीय अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश में होंगे. अभी तक भारतीय एथलेटिक्स दल का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2014 और 2018 के चरण में रहा है जिसमें उन्होंने तीन पदक (एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य) जीते थे. 

अमेरिका के यूजीन में चल रही विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचे सभी छह भारतीय इसके बाद सीधे बर्मिंघम पहुंचेंगे. देश के नाम अभी तक राष्ट्रमंडल खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में 28 पदक (पांच स्वर्ण, 10 रजत और 13 कांस्य) हैं जिसमें महान एथलीट मिल्खा सिंह ने 1958 में पुरूषों की 440 यार्ड स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. सेकर धनलक्ष्मी और ऐश्वर्या बाबू को डोपिंग जांच में विफल आने के बाद टीम से बाहर कर दिया गया. लेकिन धनलक्ष्मी की अनुपस्थिति से महिलाओं की चार गुणा 100 मीटर रिले टीम पर असर पड़ेगा, हालांकि इंग्लैंड, जमैका, कनाडा और आस्ट्रेलिया की मौजूदगी से भारत प्रबल दावेदारों में शामिल नहीं है. 

एंडरसन पीटर्स से नीरज चोपड़ा की टक्कर

लंबी कूद की एथलीट ऐश्वर्या पदक दावेदारों में शामिल हो सकती थीं क्योंकि पिछले महीने राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप में उन्होंने 14.14 मीटर की कूद लगायी थी. गत चैम्पियन चोपड़ा को हालांकि स्वर्ण पदक के लिये निश्चित दावेदार नहीं हैं क्योंकि उन्हें पहले स्थान के लिये ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से चुनौती मिलेगी. पीटर्स 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में 82.20 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरे स्थान पर रहे थे जबकि चोपड़ा ने 86.47 मीटर से स्वर्ण पदक जीता था. लेकिन इसके बाद पीटर्स ने 2019 विश्व चैम्पियनशिप जीती और इस साल तीन बार 90 से ज्यादा मीटर की दूरी के थ्रो कर चुके हैं. 

नीरज चोपड़ा ने दो बार पीटर्स को पछाड़ा है जबकि ग्रेनाडा का यह 24 साल का एथलीट इस साल तीन प्रतियोगिताओं में एक बार ही भारतीय पर भारी पड़ा है. भारत पुरूष भाला फेंक स्पर्धा में दो पदक जीत सकता है क्योंकि 2012 ओलंपिक चैम्पियन केशोर्ण वॉलकॉट इस सत्र में जूझ रहे हैं. भारत के डीपी मनु और रोहित यादव राष्ट्रमंडल एथलीटों में सत्र की सूची में अगले खिलाड़ी हैं. 

रोहित यादव तो चोपड़ा के साथ विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में भी पहुंचे हैं. मनु ने पिछले महीने 84.35 मीटर दूर भाला फेंककर राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था जबकि रोहित ने पहली बार विश्व चैम्पियनशिप के लिये क्वालीफाई किया. श्रीशंकर बर्मिंघम में पदक जीतने के प्रबल दावेदार हैं जो विश्व चैम्पियनशिप में दावेदारों में शामिल थे लेकिन 7.99 मीटर की कूद से सातवें स्थान पर रहे. 

विश्व चैम्पियनशिप की निराशा उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने के लिये प्रेरित कर सकती है. अन्य लंबी कूद के भारतीय मोहम्मद अनीस याहिया भी पदक की दौड़ में हो सकते हैं, अगर वह 8 मीटर की कूद लगा लें जो वह इस सत्र में पांच बार कर चुके हैं जिसमें मार्च में उन्होंने 8.15 मीटर की सर्वश्रेष्ठ कूद लगायी. वहीं साबले को 3000 मीटर स्टीपलचेज में शीर्ष स्थान के लिये फिर से कीनिया के विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता कोंसेसलस किप्रूतो और अब्राहम किबिवोट से चुनौती मिलेगी. 

महिला एथलीट कर सकती हैं ऐतिहासिक प्रदर्शन

भारत के तीन त्रिकूद एथलीट प्रवीण चित्रावेल, अब्दुल्ला अबूबाकर और एल्डोस पॉल भी इस सत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. अनु रानी लगातार दूसरी बार विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने के बाद बर्मिंघम में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये आत्मविश्वास से भरी होंगी. महिला चक्का फेंक स्पर्धा से भी भारत को सीमा अंतिल और नवजीत कौर ढिल्लों से दो पदक मिल सकते हैं जो 2018 चरण में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतने में सफल रही थीं. 

अंतिल अपने पांचवें पदक की ओर बढ़ रही हैं. वह राष्ट्रमंडल खेलों से कभी भी खाली हाथ नहीं आयी हैं, हालांकि इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 57.09 मीटर का ही रहा है. नवजीत ने इस साल 60 मीटर दूरी तक चक्का नहीं फेंका है, उनका सर्वश्रेष्ठ 58.03 मीटर मई में आया था. मैराथन रेस में भारत के नितेंदर रावत हिस्सा लेंगे जो 30 जुलाई को होगी जबकि अन्य ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धायें दो से सात अगस्त को होंगी.   

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