नई दिल्ली: सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) फिलहाल बीसीसीआई के अध्यक्ष (BCCI President) पद पर बने रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट में उनके अध्यक्ष पद पर बने रहने या हटने के सिलसिले में आज सुनवाई होनी थी लेकिन बढ़ते कोरोना केस के चलते आज सुनवाई नहीं हो सकी. शीर्ष अदालत ने दो हफ्ते बाद अगली सुनवाई की तारीख दी है. 


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गांगुली, जय शाह के भविष्य पर होना था फैसला


सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाले बीसीसीआई (BCCI) के मैनेजमेंट के भविष्य के बारे में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता था. जिन लोगों के सिर पर तलवार लटक रही है उसमें बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, बीसीसीआई सचिव जय शाह और जयेश जॉर्ज शामिल हैं. हालांकि अब सुनवाई टल गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि सौरव गांगुली ने कूलिंग पीरियड सर्व नहीं किया और लगातार 6 साल से राज्य संघ और बीसीसीआई के अध्यक्ष बने हुए हैं. 


लोढ़ा कमेटी ने कूलिंग पीरियड किया आनिवार्य


सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समिति का गठन इसलिये किया था ताकि वो बीसीसीआई के लिये कुछ मजबूत नियमों का ऐसा संग्रह तैयार करे जिसका हमेशा पालन किया जाए. यही BCCI का संविधान कहलाया. बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक इन तीनों को पद पर बने रहने के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड से गुजरना होगा. 


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नए नियमों के मुताबिक राज्य क्रिकेट संघ और बीसीसीआई में लगातार छह साल तक पद पर रहने के बाद तीन साल के कूलिंग पीरियड से गुजरना होगा. इसके बाद ही वो दोबारा पद पर बने रह सकते हैं. इस नियम के तहत तीनों का कार्यकाल साल 2020 के मध्य में ही खत्म हो चुका है. मामले की सुनवाई नहीं होने की वजह से तकरीबन 8 महीने का सेवाविस्तार तीनों को पहले ही मिल चुका है. 


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