IND vs AUS: पिता चाहते थे फौजी बनाना पर बेटे ने चुना क्रिकेट, अब 21 साल में ये कारनामा करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बने
IND vs AUS, 2nd Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के पहले दो मैच पूरे हो गये हैं, जिसे भारतीय टीम ने 3 दिन के अंदर ही जीतकर न सिर्फ सीरीज में अजेय बढ़त हासिल कर ली है बल्कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में लगातार दूसरी बार जगह बना ली है.
IND vs AUS, 2nd Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के पहले दो मैच पूरे हो गये हैं, जिसे भारतीय टीम ने 3 दिन के अंदर ही जीतकर न सिर्फ सीरीज में अजेय बढ़त हासिल कर ली है बल्कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में लगातार दूसरी बार जगह बना ली है. इसके साथ ही भारतीय टीम ने लगातार चौथी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने नाम करने का कारनामा किया है.
दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गये मैच में जब दूसरे दिन का खेल समाप्त हुआ था तो शायद ही किसी को लगा था कि यह मैच 3 दिन में खत्म हो जाएगा. दो दिन का खेल समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम ने एक विकेट के नुकसान पर 62 रन की बढ़त हासिल की थी लेकिन तीसरे दिन का खेल जब शुरू हुआ तो रविंद्र जडेजा की फिरकी के आगे कंगारुओं ने पूरी तरह से घुटने टेक दिये.
21 साल पहले हुआ था यह कारनामा
रविंद्र जडेजा ने इस मैच में अपने टेस्ट करियर की बेस्ट गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 42 रन देकर 7 विकेट अपने नाम किये. इसके साथ ही जडेजा ने एक खास कारनामा भी कर के दिखाया जो कि पिछले 21 सालों में नहीं देखने को मिला है. रविंद्र जडेजा ने इस पारी के दौरान जो 7 विकेट हासिल किये उसमें से 5 विकेट उन्होंने बोल्ड कर अपने नाम किये. यह पिछले 21 सालों में पहली बार देखने को मिला है जब किसी स्पिनर ने यह कारनामा कर के दिखाया है.
आखिरी बार कुंबले ने भारत के लिये किया था ये कारनामा
आखिरी बार ये कारनामा भारत के अनिल कुंबले ने ही कर के दिखाया था जिन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ जोहान्सबर्ग में 1992 में खेले गये मैच के दौरान यह कर के दिखाया था. ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो शोएब अख्तर ने 2002 में लाहौर के मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गये टेस्ट मैच में यह कीर्तिमान हासिल किया था. इस गेंदबाजी स्पेल के साथ ही रविंद्र जडेजा ने टेस्ट क्रिकेट में 250 विकेट भी पूरे कर लिये.
पिता चाहते थे कि फौज में जाए जडेजा
दुनिया के नंबर 1 ऑलराउंडर के रूप में मशहूर रविंद्र जडेजा की बात करें तो उनके पिता उन्हें फौज में भेज देश की सेवा कराना चाहते थे लेकिन रविंद्र जडेजा ने क्रिकेट को चुनकर देश की सेवा करना चुना. जडेजा की बात करें तो वो टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 250 विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज बन गये हैं तो उनके नाम सबसे तेज 200 विकेट हासिल करने का भी रिकॉर्ड है. जडेजा दुनिया के 8वें और भारत के पहले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 3 तिहरे शतक लगाये हैं.
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