भारत जीता पर फिर भी खुश नहीं हैं कप्तान शिखर धवन, जानें किस बात से हुए निराश
India vs West Indies: भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही 3 मैचों की वनडे सीरीज का पहला मैच पोर्ट ऑफ स्पेन में खेला गया, जहां पर भारतीय टीम ने आखिरी ओवर के रोमांच में 3 रन से जीत हासिल की.
India vs West Indies: भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही 3 मैचों की वनडे सीरीज का पहला मैच पोर्ट ऑफ स्पेन में खेला गया, जहां पर भारतीय टीम ने आखिरी ओवर के रोमांच में 3 रन से जीत हासिल की. सीरीज के पहले मैच में कप्तान शिखर धवन (97), शुबमन गिल (64) और श्रेयस अय्यर (54) की अर्धशतकीय पारियों के दम पर 308 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया.
जवाब में वेस्टइंडीज की टीम ने काइल मेयर्स (75), ब्रैंडन किंग (54) और शामराह ब्रुक्स (46) के दम पर अच्छी शुरुआत की लेकिन शार्दुल ठाकुर और युजवेंद्र चहल ने विकेट लेकर भारतीय टीम की वापसी करा दी. कैरिबियाई टीम के लिये अकील हुसैन (32) और रोमारियो शेफर्ड (39) ने नाबाद 54 रनों की साझेदारी कर भारतीय टीम को एक बार फिर से मुश्किल में डाल दिया. हालांकि मोहम्मद सिराज ने आखिरी ओवर में 15 रन डिफेंड कर भारतीय टीम को 3 रन से जीत दिला दी.
जीत के बावजूद निराश हैं शिखर धवन
जीत के बाद कप्तान शिखर धवन को मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया. अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान जब शिखर धवन से बात की गई तो उन्होंने टीम को जीत मिलने के बावजूद खुद के प्रदर्शन पर निराशा जताई. उन्होंने कहा,'मैं शतक नहीं बना पाने से निराश हूं लेकिन अपनी 97 रनों की पारी से खुश हूं क्योंकि इस पारी ने टीम की जीत में योगदान दिया है. यह पिच आसान नहीं है क्योंकि गेंद थोड़ी रुककर आ रही थी और स्पिन भी हो रही थी. जब शुबमन, श्रेयस और मैं बल्लेबाजी कर रहे थे तो हम बड़े शॉट के लिये जाना चाह रहे थे ताकि युवा खिलाड़ियों पर ज्यादा भार न पड़े.'
डेथ ओवर्स में नाकाम रही भारतीय बल्लेबाजी
गौरतलब है कि शिखर धवन ने पहले विकेट के लिये गिल के साथ पहले 119 रनों की साझेदारी की तो वहीं पर श्रेयस अय्यर के साथ दूसरे विकेट के लिये 94 रन जोड़े. इन खिलाड़ियों की अर्धशतकीय पारियों के दम पर भारत ने 33वें ओवर में ही 220 रनों के आंकड़े को पार कर लिया था लेकिन डेथ ओवर्स में वो इसका फायदा नहीं उठा सके. भारतीय टीम ने आखिरी 15 ओवर में सिर्फ 73 रन ही जोड़े.
धवन ने आगे कहा,'हम काफी घबराये हुए थे क्योंकि हमने कभी नहीं सोचा था कि वो रन चेज करने के इतने करीब पहुंच जायेंगे. फाइन लेग पीछे करना पड़ा और उसने जो 2-3 बाउंड्रीज रोकी उससे हमें काफी मदद मिली. हमने मैदान के बड़े एरिया का इस्तेमाल करने के बारे में सोचा और फाइन लेग पर दो रन देते गये. इस दौरान अगर यह एक परफेक्ट दिन होता तो वो रन आउट होता, हमें बेहतर करना होगा.'
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