नई दिल्ली: CWG India vs Australia Hockey Final: भारतीय पुरूष हॉकी टीम राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में सोमवार को उतरेगी तो उसका इरादा इन खेलों में आस्ट्रेलिया का दबदबा तोड़ने का होगा. भारत ने अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में छह में से एक भी बार स्वर्ण नहीं जीता है. इन खेलों में 1998 में हॉकी को शामिल किया गया जिसके बाद से 2010 और 2014 में भारत ने रजत पदक जीते हैं.
हरमनप्रीत बने भारत की मजबूती
मनदीप सिंह और आकाशदीप सिंह के साथ शमशेर सिंह, ललित उपाध्याय , गुरजंत सिंह और अभिषेक फॉर्म में हैं. कांस्य पदक के प्लेआफ में इंग्लैंड का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा. भारत ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल खूब में तब्दील किया अब तक जो भारत की सबसे बड़ी कमजोरी रही. इस बार हरमनप्रीत ने इतिहास रचते हुए सबसे ज्यादा गोल एक ही CWG में दागे हैं.
CWG में हर बार ऑस्ट्रेलिया ने जीता गोल्ड मेडल
आस्ट्रेलिया ने सभी छह स्वर्ण अपने नाम किये हैं. भारत के लिये आस्ट्रेलिया को हराकर पीला तमगा जीतना आसान नहीं होगा और इसके लिये उसे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. टोक्यो ओलंपिक में हालांकि 41 साल बाद पदक जीतने वाली भारतीय टीम आत्मविश्वास से ओतप्रोत है. भारत का रजत तो पक्का है लेकिन स्वर्ण सोने पे सुहागा होगी और मनप्रीत सिंह की टीम यह मौका चूकना नहीं चाहेगी.
जबरदस्त लय में हैं हिंदुस्तान के रण बांकुरे
भारत ने दक्षिण अफ्रीका को और आस्ट्रेलिया ने मेजबान इंग्लैंड को 3 . 2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई. गोलकीपर पी आर श्रीजेश की अगुवाई में भारतीय रक्षापंक्ति काफी मजबूत है लेकिन आस्ट्रेलिया के सामने कोई भी गलती भारी पड़ सकती है. मिडफील्ड में कप्तान मनप्रीत , हार्दिक सिंह और नीलाकांता शर्मा जिम्मा संभालेंगे. भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है.
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