नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में समाप्त हुई 3 मैचों की टी20 सीरीज में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने 2-1 से जीत हासिल की और इस प्रारूप में अपनी लगातार सीरीज जीत के सिलसिले को बरकरार रखा है. ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में इस साल खेले जाने वाले टी20 विश्वकप से पहले भारतीय टीम के लिये यह सीरीज काफी अहम रही है. भारतीय टीम ने 3 मैचों की सीरीज के पहले दो मैचों में एकतरफा जीत हासिल की तो वहीं पर आखिरी मैच में भी लगभग 215 रनों के लक्ष्य को हासिल कर लिया था.
हालांकि 19वें ओवर में सूर्यकुमार यादव के आउट हो जाने की वजह से भारतीय टीम 17 रनों से मैच हार गई. भले ही भारतीय टीम इंग्लैंड को क्लान स्वीप करने में नाकाम रही लेकिन इस दौरे पर 3 चीजें ऐसी रही जिसने भारतीय खेमे को खुश कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में खेले जाने वाले टी20 विश्वकप से पहले यह सकारात्मक पहलू भारतीय टीम के लिये खिताब जीत की आशा लेकर आये हैं और ऐसा लग रहा है कि 2013 के बाद शायद पहली बार भारतीय टीम अपने आईसीसी के खिताबी सूखे को खत्म करने में कामयाब हो जायेगी.
भुवनेश्वर कुमार की गेंदबाजी में मिल रही पुरानी धार
भारतीय टीम के लिये इस सीरीज के दौरान जो सबसे अच्छी खबर रही है वो है उसके तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का पुरानी लय में लौट आना है. भुवनेश्वर कुमार लंबे समय से चोटों की वजह से टीम का हिस्सा नहीं बन पा रहे थे और वापसी करने के बाद भी उनके लिये लय को हासिल कर पाना काफी मुश्किल नजर आ रहा था. हालांकि आईपीएल के बाद से जब उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की तो वो लगातार शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं और हर सीरीज के साथ उनका यह प्रदर्शन पहले से ज्यादा बेहतर होता जा रहा है.
भुवनेश्वर कुमार पावरप्ले के दौरान किफायती गेंदबाजी करने के साथ टीम के लिये विकेट भी चटका रहे हैं जिसकी कमी पिछले विश्वकप के दौरान भारतीय टीम को काफी खली थी. इतना ही नहीं वो डेथ ओवर्स में भी काफी खतरनाक बन गये हैं और विपक्षी टीम को अटैक करने से रोक रहे हैं. इंग्लैंड दौरे पर खेले गये दो मैचों में भुवनेश्वर ने सिर्फ 24 रन दिये और 4 विकेट अपने नाम किये. ऐसे में उनका फॉर्म में लौटना भारतीय टीम के लिये काफी अच्छे साइन हैं.
हार्दिक पांड्या की फॉर्म ने दी मैनेजमेंट को राहत
भारतीय क्रिकेट टीम के लिये पिछले विश्वकप में हार्दिक पांड्या जरूर खेले थे लेकिन इस दौरान वो पूरी तरह से फिट नहीं थे और इसका खामियाजा टीम को टूर्नामेंट में भी उठाना पड़ा. हालांकि आईपीएल 2022 के बाद जब से उन्होंने वापसी की है तब से वो पुरानी लय में ही नजर आ रहे हैं. हार्दिक पांड्या टीम के लिये न सिर्फ बल्ले से रन बनाकर दे रहे हैं बल्कि गेंदबाजी में भी विकेट चटका रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ हार्दिक पांड्या ने 2 मैचों में 7 ओवर गेंदबाजी की और एक 4 विकेट हॉल के साथ कुल 5 विकेट अपने नाम किये.
टी20 विश्वकप से पहले हार्दिक पांड्या का फॉर्म में लौटना भारतीय टीम के लिये काफी राहत भरी खबर है, इससे न सिर्फ बल्लेबाजी में गहराई मिली है बल्कि गेंदबाजी में भी टीम के पास एक अतिरिक्त विकल्प मौजूद रहेगा.
दीपक हुड्डा के रूप में मिला अतिरिक्त ऑलराउंडर
इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में टॉप ऑर्डर बैटर्स की फॉर्म ने थोड़ी चिंता की लकीरें जरूर खींची हैं लेकिन इस दौरे पर दीपक हुड्डा के रूप में एक ऐसा विकल्प भी मिला है जो न सिर्फ टॉप ऑर्डर में बैटिंग कर सकता है बल्कि जरूरत पड़ने पर टीम के लिये कुछ ओवर्स स्पिन के भी निकाल सकता है. टी20 विश्वकप से पहले भारतीय टीम के लिये हुड्डा का फॉर्म में रहना मैनेजमेंट को ज्यादा विश्वास दिलाता है कि जरूरत पड़ने पर वो उनका इस्तेमाल कर सकते हैं. हुड्डा ने आयरलैंड के खिलाफ दो टी20 मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक की मदद से 151 रन बनाये थे तो वहीं पर इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में 194 की स्ट्राइक रेट से 33 रनों की पारी खेली थी.
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