India vs West Indies: मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट की सबसे खास बात उसकी गहराई है, जिसके तहत उसके पास करीब इतने खिलाड़ी हैं कि बीसीसीआई चाहे तो एक दिन में 3 अलग-अलग टीमें खेलने के लिये उतार सकता है. इसे समझने के लिये आपको बहुत पीछे देखने की जरूरत नहीं है बल्कि हाल ही में समाप्त हुई आयरलैंड और इंग्लैंड सीरीज पर नजर डालने की जरूरत है. वहीं वेस्टइंडीज के खिलाफ जारी वनडे सीरीज भी इसका अच्छा उदाहरण है.
एक साथ 3 टीमें उतार सकता है भारत
यह भारतीय टीम की गहराई ही है जिसके चलते लगभग हर युवा खिलाड़ी को भारत की प्लेइंग 11 में खेलने का मौका दिला रही है. 2023 वनडे विश्वकप को टीम के सीनियर खिलाड़ी विराट कोहली, शिखर धवन और रोहित शर्मा के लिये संभवतः आखिरी टूर्नामेंट माना जा सकता है लेकिन इतने दिग्गज खिलाड़ियों के जाने के बावजूद भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है.
भारतीय टीम के उज्जवल भविष्य के खिलाड़ियों में एक नाम दीपक हुड्डा का भी है जिन्होंने हाल ही में खत्म हुई इन सीरीज के दौरान कुछ अच्छी पारियां खेलकर दिखाई हैं. आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद हुड्डा को जब टीम में मौका मिला तो उन्होंने इसका भरपूर फायदा उठाया. हालांकि एक साल पहले तक दीपक हुड्डा के नाम को ज्यादा लोग नहीं जानते थे और वो भारतीय टीम में जगह बनाने के लिये कड़ी मशक्कत कर रहे थे. लेकिन पिछले कुछ ही समय में वो भारत के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में शुमार हो गये हैं.
इरफान पठान ने की हुड्डा की जमकर तारीफ
दीपक हुड्डा को मुश्किल के दौर में भी जिस पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने हमेशा समर्थन दिया वो हैं ऑलराउंडर इरफान पठान, जिन्होंने एक अरसा पहले ही इस खिलाड़ी के टैलेंट को पहचान लिया था और उनकी तारीफ करते हुए उन्हे देर से प्रदर्शन करने वाला बताया था. इरफान पठान ने दीपक हुड्डा की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वो आने वाले समय में भारत के लिये बहुत सारे मैच जितायेंगे और उनमें अभी काफी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट बाकी है.
ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए पठान ने कहा,'दो साल पहले तक तो हुड्डा खुद सोचते थे कि क्या उन्हें कभी भारतीय टीम की जर्सी मिलेगी. आज वो चमक रहे हैं और इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण बन चुके हैं कि अगर आपके रास्ते में दिक्कतें आती हैं और आप लगातार प्रयास करते रहते हैं तो आधी जंग आप जीत जाते हैं. मैं इस बात को लेकर उत्साहित होता हूं कि वो भारतीय टीम को आने वाले समय में क्या-क्या दे सकते हैं. वह सिर्फ 27 साल के हैं और भारतीय टीम को कम से कम अच्छे 7-8 साल दे सकते हैं. उनमें काफी कुछ हासिल करने की क्षमता है.'
इस सलाह से दूर की ऑफसाइड की कमजोरी
पठान ने आगे बताया कि कैसे उन्होंने हुड्डा के राह में आने वाली परेशानियों को दूर करने का काम किया था और खुद पर विश्वास रखने में मदद की थी.
उन्होंने कहा,'मैंने उसे कहा कि अगर तुम खेलते हो और ट्रेनिंग करते हुए कुछ मिलने की उम्मीद रखते हो तो ये कभी भी काम नहीं करेगा. आपको अपने दिमाग को ट्रेन करना होगा कि वो बिना किसी उम्मीद के अपना बेस्ट देता नजर आये. अगर आपको बदले में कुछ मिलता है तो बढ़िया है नहीं तो लगे रहो. उसके ऑफ साइड के खेल में कुछ दिक्कत थी, उसे अपने हाथों को रिलैक्स करने की जरूरत थी न कि जोर से मारने की. मैंने बस वो बताया इसके बाद जैसे ही उसने अपने हाथ को पानी की तरह छोड़ना शुरू किया और अपनी कमजोरी को सुधार दिया.'
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