नई दिल्लीः टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा स्वदेश में होने वाले विश्व कप से जुड़े भारी दबाव को समझते हैं लेकिन भारतीय कप्तान खुद को बाहरी बातों से दूर रखना चाहते हैं क्योंकि वह एक दशक में देश के लिए पहली आईसीसी ट्रॉफी जीतने की कठिन यात्रा पर निकल रहे हैं. भारत के 36 वर्षीय कप्तान के कंधों पर एक अरब से अधिक लोगों की उम्मीदों का बोझ है और उन्हें पता है कि पांच अक्टूबर को अहमदाबाद में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबले के साथ शुरू हो रहे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप में क्या दांव पर लगा है. 


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एशिया कप से पहले क्या बोले रोहित शर्मा
बेंगलुरू में एशिया कप के शिविर से जुड़ने से पहले रोहित ने पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि मैं खुद को सहज रखूं और उन बाहरी तत्वों के बारे में चिंता नहीं करूं जो सकारात्मक या नकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा,मैं उस चरण में जाना चाहता हूं जिसमें मैं 2019 विश्व कप से पहले था. पिछले टूर्नामेंट में अभूतपूर्व पांच शतक के साथ 648 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे रोहित ने कहा, मैं मानसिक रूप से काफी अच्छी स्थिति में था और टूर्नामेंट के लिए काफी अच्छी तैयारी की थी. 


कहा- 2019 की तरह कर रहा प्लानिंग
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अच्छी लय, मानसिकता में था. मैं इसे वापस लाना चाहता हूं और मेरे पास ऐसा करने के लिए समय है. उन सही चीजों को दोहराने की कोशिश कर रहा हूं जो एक क्रिकेटर और एक व्यक्ति के रूप में 2019 विश्व कप से पहले मैं कर रहा था. विश्व कप का नतीजा काफी चीजें बदल सकता है लेकिन रोहित ने कहा कि एक महीने का क्रिकेट जो खिलाड़ी वह हैं उसे बना या बिगाड़ नहीं सकता. भारतीय कप्तान ने कहा, एक व्यक्ति अपनी सफलता या विफलता से रातों रात बदल नहीं सकता. 


एशिया कप को लेकर क्या बोले रोहित
रोहित ने इंडियन प्रीमियर लीग टीम मुंबई इंडियन्स के कप्तान के रूप में पांच खिताब जीते हैं जबकि भारतीय कप्तान के रूप में उन्होंने 2018 में एशिया कप खिताब जीता. इस साल जून में उनकी अगुआई में टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी खेली. यह पूछने पर कि क्या 16 साल तक खेलने के बाद वह भारतीय क्रिकेट में अपनी विरासत के बारे में सोचते हैं, रोहित ने कहा, ‘‘नहीं. मैं वह व्यक्ति नहीं हूं जो यह सोचता हो कि मैं अपने पीछे किस तरह की विरासत छोड़ूंगा. मेरी विरासत लोगों के मूल्यांकन और चर्चा के लिए होगी. मेरे कहने के लिए नहीं.’’ रोहित ने 30 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय, 10 टेस्ट और चार टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक की मदद से 17000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए हैं. 


भारतीय कप्तान ने कहा, अंत में कुछ व्यक्ति फैसला करते हैं और इंसान के रूप में हम गलतियां कर सकते हैं. हम हमेशा सही नहीं होंगे. विश्व कप 2011 की टीम में जगह नहीं मिलने के बाद किसने उन्हें सांत्वना दी थी यह पूछे जाने पर रोहित ने कहा, मैं दुखी था और अपने कमरे में बैठा था. मुझे याद है कि युवी (युवराज सिंह) ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और मुझे डिनर पर ले गया.


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