Lawn bowl Gold Medal: जानिए कौन हैं लवली चौबे जिन्होंने चोट की वजह से खेल बदला लेकिन नहीं तोड़ी हिम्मत

Commonwealth Games Lawn bowl Gold Medal: भारत की लवली चौबे (लीड), पिंकी (सेकंड), नयनमोनी सैकिया (थर्ड) और रूपा रानी टिर्की (स्लिप) की चौकड़ी ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में 17-10 से हराया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 2, 2022, 09:02 PM IST
  • जानिए कौन हैं लवली चौबे
  • पहली बार भारत ने लिया था हिस्सा
Lawn bowl Gold Medal: जानिए कौन हैं लवली चौबे जिन्होंने चोट की वजह से खेल बदला लेकिन नहीं तोड़ी हिम्मत

नई दिल्ली: Commonwealth Games Lawn bowl Gold Medal: भारतीय लॉन बॉल टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में मंगलवार को स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया और पूरे देश को इस गुमनाम से खेल को देखने के लिये प्रेरित भी किया. भारत की लवली चौबे (लीड), पिंकी (सेकंड), नयनमोनी सैकिया (थर्ड) और रूपा रानी टिर्की (स्लिप) की चौकड़ी ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में 17-10 से हराया.

जानिए कौन हैं लवली चौबे

अपनी अगुवाई में भारत को लॉनबॉल में पहला मेडल दिलाने वाली लवली चौबे का जीवन बहुत संघर्षमय रहा है. उन्होंने बताया कि पहले वह फर्राटा धाविका थीं लेकिन चोट लगने के कारण उन्हें इस खेल में आना पड़ा. उन्होंने इसी में अपना करियर बनाया. इस खेल के लिए हरा-भरा खेल मैदान और गेंद की जरूरत पड़ती है, लेकिन भारत में इस खेल के गेंद का निर्माण नहीं होता है. 

इस कारण इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया जैसे देशों से इसे मंगाना पड़ता है. कहा कि भारत में भी इस खेल का गेंद बनना चाहिए. इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. लवली ने बताया कि वह राजधानी रांची में कई बार क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से मुलाकात कर चुकी हैं. महेंद्र सिंह धौनी जब कभी देउड़ी मंदिर पूजा करने के लिए पहुंचते हैं तो उनके खेल मैदान में जरूर आते हैं. उन्होंने इच्छा भी जताई थी कि अगर उनकी टीम गोल्ड जीत लेती है तो लोग धोनी की तरह उन्हें भी पहचानने लगेंगे. 

लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी टिर्की ने ऐसा खेल दिखाया कि पूरी दुनिया उनकी तारीफ कर रही है. लवली चौबे तीसरी बार हिस्सा ले रही थीं. भारत चार साल पूर्व महज एक अंक से पदक लाने से चूक गया था. इस बार सपना पूरा हो गया. देश के लिए खेलना और गोल्ड लाना उनकी जिंदगी का रोचक इतिहास बन गया. 

पहली बार भारत ने लिया था हिस्सा

प्रतियोगिता की महिला फोर स्पर्धा में भारत पहली बार उतरा था. भारतीय दल का यह चौथा स्वर्ण है और भारोत्तोलन के अलावा किसी स्पर्धा में पहला स्वर्ण भी है. एक समय भारतीय टीम 8-2 से आगे थी लेकिन थाबेलो मुहांगो (लीड), ब्रिगेट कालित्ज (सेकंड), एस्मी क्रगर (थर्ड) और जोहाना स्नीमैन (स्किप) ने 8. 8 से बराबरी कर ली.

भारतीय खिलाड़ियों ने संयम बरकरार रखते हुए आखिरी तीन दौर जीते. इससे पहले महिला ट्रिपल में भारतीय टीम ने राष्ट्रमंडल शुरुआती मैच में न्यूजीलैंड को 15 . 11 से पराजित किया. भारत की तानिया चौधरी (लीड), पिंकी (सेकंड) और रूपा रानी टिर्की (स्किप) की तिकड़ी निकोल टॉमी (लीड), तायला ब्रूस (सेकंड) और वैल स्मिथ (स्किप) की कीवी टीम से कहीं बेहतर साबित हुई. भारत छठे छोर के बाद 6- 2 से आगे चल रहा था, लेकिन न्यूजीलैंड ने नौवें छोर के बाद स्कोर बराबर कर लिया.

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भारतीय टीम ने हालांकि अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम को वापसी का मौका नहीं दिया और आखिर में मुकाबला जीतने में सफल रही. इस स्पर्धा में भारत का अगला मुकाबला इंग्लैंड से होगा जबकि बुधवार को वह नीयु से भिड़ेगा. इस बीच भारत की महिला पेयर टीम को न्यूजीलैंड से 18- 9 से हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम में लवली चौबे (लीड) और नयनमोनी सैकिया (स्किप) शामिल थी. भारतीय टीम को क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए बुधवार को नीयु और दक्षिण अफ्रीका को हराना होगा.

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