Mohammad Shami, T20 World Cup 2022: ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में अगले महीने से शुरू होने वाले टी20 विश्वकप के लिये भारतीय चयन समिति ने 15 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है तो वहीं पर 4 खिलाड़ियों को रिजर्व के तौर पर शामिल किया है. रिजर्व खिलाड़ियों में श्रेयस अय्यर को मौका दिया गया है तो वहीं पर मोहम्मद शमी की भी वापसी हुई है. मोहम्मद शमी की बात करें तो वो आखिरी बार आईपीएल में टी20 प्रारूप में खेलते नजर आये थे जबकि लंबे समय से भारतीय टीम से दूर चल रहे हैं.


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हाल ही में जब एशिया कप की टीम में उनका चयन नहीं हुआ था तो कई दिग्गजों ने यह सवाल खड़ा किया था कि उन्हें क्यों शामिल नहीं किया गया, जिसके बाद चयनकर्ताओं ने उन्हें टी20 विश्वकप की टीम में बतौर रिजर्व खिलाड़ी के रूप में शामिल किया है. हालांकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मोहम्मद शमी को टीम में शामिल कर चयनकर्ताओं से गलती हो गई है. आइये एक नजर उसके कारणों पर डालते हैं- 


विश्वकप के बाद से नहीं खेले हैं टी20 क्रिकेट


मोहम्मद शमी आखिरी बार भारतीय टीम के लिये पिछले साल यूएई में खेले गये टी20 विश्वकप में खेलते हुए नजर आये थे, जिसके बाद से वो लगातार टीम से बाहर चल रहे हैं. मोहम्मद शमी ने आईपीएल में वापसी करते हुए शानदार प्रदर्शन जरूर किया लेकिन इसके बावजूद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से उनकी दूरी बनी हुई है. ऐसे में सीधे विश्वकप में एंट्री होना थोड़ा घातक साबित हो सकता है. वहीं मोहम्मद शमी की गेंदबाजी को सीमित ओवर्स प्रारूप में ऑस्ट्रेलिया रास नहीं आया है. शमी ने अपना आखिरी वनडे मैच इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में खेला था. इस मैच में शमी ने 38 रन दिये और एक भी विकेट हासिल नहीं कर सके.


ऑस्ट्रेलिया में नाम है शर्मनाक रिकॉर्ड


ऑस्ट्रेलिया में मोहम्मद शमी के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो वहां पर अब तक एक ही टी20 मैच खेला है जिसमें वो कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाये थे. 4 दिसंबर 2020 को कैनबरा के मैदान पर खेले गये इस मैच में मोहम्मद शमी ने 4 ओवर का स्पेल फेंका और 46 रन भी लुटा दिये. इस दौरान उनके खाते में एक भी विकेट नहीं आया जबकि युजवेंद्र चहल और टी नटराजन ने 3-3 विकेट अपने नाम किए.


डेथ ओवर्स में साबित होते हैं महंगे


इसके साथ ही मोहम्मद शमी डेथ ओवर्स में भी काफी महंगे साबित होते हैं. आईपीएल में मोहम्मद शमी के आंकड़ों पर नजर डालें तो जहां पर पावरप्ले के अंदर उनका इकॉनमी रेट 6 से कम का होता है तो वहीं पर डेथ ओवर्स में यह बढ़कर 10 के करीब पहुंच जाता है. भारतीय टीम को जीत के लिये ऐसे गेंदबाज की दरकार है जो स्लॉग ओवर्स में रनों की गति पर लगाम लगा सके.


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