चारधाम यात्रियों के लिए अच्छी खबर, अब दर्शन के लिए घंटों लाइन में नहीं रहना पड़ेगा खड़ा

इस माह शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड सरकार ने ‘स्लॉट’ और टोकन वितरण तथा कतार प्रबंधन की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है. राज्य के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को यह जानकारी दी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 13, 2023, 08:11 AM IST
  • 22 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट
  • हर धाम में लगाए जाएंगे टोकन वितरण काउंटर
चारधाम यात्रियों के लिए अच्छी खबर, अब दर्शन के लिए घंटों लाइन में नहीं रहना पड़ेगा खड़ा

नई दिल्लीः इस माह शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड सरकार ने ‘स्लॉट’ और टोकन वितरण तथा कतार प्रबंधन की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है. राज्य के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को यह जानकारी दी. 

उन्होंने एक बयान में कहा कि चारों धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में लगने वाली लंबी-लंबी कतारों तथा दर्शन में लगने वाले कई-कई घंटों के समय को देखते हुए एक-एक घंटे के ‘स्लॉट’ के लिए टोकन वितरित करने और कतार प्रबंधन की व्यवस्था का फैसला किया गया है. 

22 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट
अक्षय तृतीया पर 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू होगी. केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे. महाराज ने बताया कि यह व्यवस्था प्रत्येक धाम में उपलब्ध स्थान व आवासीय क्षमता के आधार पर संबंधित जिलाधिकारियों और मंदिर समितियों की सहमति से लागू की जा रही है. 

हर धाम में लगाए जाएंगे टोकन वितरण काउंटर
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने से श्रद्धालुओं को अधिकतम एक घंटा ही कतार में लगना पड़ेगा. मंत्री ने कहा कि टोकन वितरण के लिए हर धाम में काउंटर लगाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि इससे चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को न केवल मंदिर में सुगमता से दर्शन होंगे बल्कि उन्हें धाम पर भ्रमण का पर्याप्त समय भी मिल सकेगा. 

महाराज ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए अब तक कुल 13.37 लाख यात्री अपना पंजीकरण करवा चुके हैं.

ये उत्तराखंड के चारधाम हैं, जिनकी यात्रा की शुरुआत हरिद्वार या ऋषिकेश में गंगा स्नान से शुरू होती है. यह यात्रा पारंपरिक रूप से पश्चिम से पूर्व की ओर जाती है. यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है और गंगोत्री, केदारनाथ होते हुए बदरीनाथ में पूरी होती है. यह यात्रा कुल 1607 किमी की है.

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