नई दिल्लीः Farmers Protest, Cyber Tool kit और सोशल मीडिया पर फैल रहे राष्ट्रविरोधी कंटेंट के बीच Cyber volunteer शब्द भी चर्चा में है. गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम प्रकोष्ठ की सहायता से सोशल मीडिया पर लोगों के कंटेंट की निगरानी की जाएगी. निगरानी रखने के लिए जो लोग इसमें सहायक बनेंगे Cyber volunteer कहलाएंगें. पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर में इसकी शुरुआत के साथ सरकार ने आम लोगों को  Cyber volunteer बनने का मौका दिया है. इसे लेकर एक सर्कुलर भी जारी किया गया है. 


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क्या है Cyber volunteer
जम्मू कश्मीर में गृहमंत्रालय की ओर से जिस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है इसे Indian Cyber Crime Co-ordination Center यानी I4C का नाम दिया गया है. इस Project को गृह मंत्रालय के नोडल पॉइंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.



Project का मुख्य उद्देश्य है सोशल मीडिया पर लगातार फैल रही गैरकानूनी जानकारी या ऐसे कंटेंट जो किसी छद्म या षड्यंत्र का हिस्सा हो सकते हैं. इसकी जानकारी सरकार को देना है. 


क्या करेंगे Cyber volunteer
यह स्पष्ट ही है कि volunteer सोशल मीडिया कंटेंट की निगरानी रखेंगें. National Cyber Crime Reporting Portal पर दर्ज जानकारी के मुताबिक, I4C का एक खास मकसद है कि वह एक ऐसा तंत्र बनाए जो साइबर अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन में शिक्षा, उद्योग, जनता और सरकार को एक साथ ला सकें. वॉलंटियर चाइल्‍ड पॉर्नोग्राफी, रेप, आतंकवाद और एंटी नेशनल गतिविधियों की जानकारी देंगे.



कंटेंट को फ्लैग करेंगे और रिपोर्ट भी करेंगें. 


कौन बनेंगे Cyber volunteer
गृह मंत्रालय ने इसके लिए आम लोगों से ही आवेदन मांगे हैं. सरकार को ऐसे स्मार्ट लोगों की जरूरत है जो कि स्वयंसेवकों के तौर पर रजिस्टर्ड होकर इस तरह के कंटेंट की पहचान कर सकें. इसके अलावा उन्हें अपनी पहचान भी गुप्त रखनी होगी, ऐसा कोई प्रचार नहीं करना होगा, जिसमें यह दावा किया जाए कि volunteer गृहमंत्रालय या इसके किसी प्रोग्राम जुड़ा है. भारत का कोई भी नागरिक साइबर स्वयंसेवक के रूप में पंजीकरण कर सकता है. 


कितनी श्रेणी के Cyber volunteer
आप तीन श्रेणी के Cyber volunteer बन सकते हैं. पहली श्रेणी में Cyber Volunteer Unlawful Content Flagger चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बलात्कार / सामूहिक बलात्कार, आतंकवाद, कट्टरपंथी, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों आदि जैसे ऑनलाइन अवैध / गैरकानूनी सामग्री की पहचान करने और सरकार को रिपोर्ट करने के लिए है. दूसरी श्रेणी में Cyber Awareness Promoter आते हैं जो नागरिकों के बीच साइबर अपराध के बारे में जागरूकता पैदा करेंगे.



तीसरी श्रेणी में Cyber Expert होंगें जो साइबर क्राइम, फोरेंसिक, नेटवर्क फोरेंसिक, मालवेयर एनालिसिस, मेमोरी एनालिसिस, क्रिप्टोग्राफी आदि मामलों का निपटारा करेंगे. 


कैसे बनेंगे Cyber volunteer
National Cyber Crime Reporting Portal पर ही Cyber volunteer बनने की पूरी जानकारी दी गई है. इसके मुताबिक इन Step by Step दिशा निर्देशों का पालन कर साइबर स्वयंसेवक बना जा सकता है. 


पहले इन Steps से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराइए


  • सबसे पहले राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर जाएं.

  • इस पर पंजीकरण अनिवार्य है. 

  • पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए, 'लॉगिन आईडी' बनाएं.

  • अपने निवास और मोबाइल नंबर के राज्य / केंद्र शासित प्रदेश का नाम दर्ज करें. 

  • इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP प्राप्त होगा

  • इस OTP को Log in ID पेज पर Submit कर दें. 


अब आप volunteer बनने की ओर बढ़ेंगे. 


  • सबसे पहले USER VOLUNTEER PROFILE DETAILS पर अपना विवरण दें. 

  • इसके बाद अपना पता/पहचान पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो दीजिए. 

  • अब आपके सामने volunteer Type चुनने का विकल्प आएगा. निम्न तीन में से कोई विकल्प चुन लें


  1. Cyber Volunteer Unlawful Content Flagger

  2. Cyber Awareness Promoter

  3. Cyber Expert


  • अब यहां से पंजीकरण का दूसरा Step शुरू होगा

  • यहां एक Box में आप बताएंगे कि आप Cyber volunteer क्यों बनना चाहते हैं.

  • इसके बाद आवेदन पूरा हो जाएगा. एक बार और जांचने का विकल्प आएगा. 

  • इसके बाद Final Submit पर क्लिक कर दें. 


रजिस्ट्रेशन से जुड़ी खास बातें
Cyber Volunteer Unlawful Content Flagger के तौर पर रजिस्ट्रेशन करते हैं तो कोई KYC नहीं की जाएगी. Cyber Awareness Promoter या फिर Cyber Expert बनने के लिए आवेदन के बाद KYC की जाएगी.



रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी ID प्रूफ आधार कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस हो सकते हैं. निवास का प्रमाण यानी भारतीय पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, बिजली बिल (3 महीने से अधिक पुराना नहीं), पता के फोटो के साथ अधिवास प्रमाण पत्र हो सकते हैं. 


Cyber volunteer के लिए भी हैं सख्त दिशा निर्देश
पोर्टल पर सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक Cyber volunteer को भी खास दिशा-निर्देशों के पालन के साथ ही अपना कार्य करना होगा. इसके लिए सरकार न Guidelines जारी की है. 
यह विशुद्ध रूप से स्वयंसेवक कार्यक्रम है और स्वयंसेवक किसी भी व्यावसायिक लाभ के लिए इस कार्यक्रम का उपयोग नहीं करेगा.


  • volunteer वर्तमान या भविष्य में किसी भी मौद्रिक लाभ या पहचान पत्र / पदनाम आदि के लिए स्वयंसेवक हकदार नहीं होगा. यानी उसे कोई वेतन नहीं दिया जाएगा. 

  • volunteer इस कार्यक्रम के संबंध में अपने सार्वजनिक बयान जारी नहीं करेगा.

  • volunteer गृह मंत्रालय के नाम का उपयोग नहीं करेंगे. किसी भी सामाजिक मीडिया या सार्वजनिक मंच पर गृह मंत्रालय के साथ जुड़ने का दावा नहीं करेंगे.

  • volunteer कार्यक्रम के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट नहीं बनाएंगे. 

  • volunteer कार्यक्रम के बारे में कोई भी बयान जारी नहीं करेंगे. 

  • volunteer इस कार्यक्रम की ओर से सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर अपनी राय नहीं रखेंगे. 

  • volunteer इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में / उसके द्वारा सौंपे गए कार्य की गोपनीयता बनाए रखेंगे.

  • volunteer सोशल मीडिया या सार्वजनिक मंच पर इस कार्यक्रम से संबंधित किसी भी जानकारी, लोगो या नारे को शेयर नहीं करेगा.

  • volunteer अपनी सही और सही व्यक्तिगत जानकारी ही प्रस्तुत करेगा. 

  • volunteer भारतीय कानूनी ढांचे और उसके तहत बनाए गए नियमों के भीतर काम करेगा. 

  • volunteer इस कार्यक्रम के नियमों और शर्तों की स्वीकृति की घोषणा करेगा.

  • किसी भी नियम और शर्तों के उल्लंघन पर volunteer का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा. 

  • राज्य या राज्यों के नोडल अधिकारी साइबर वॉलेंटियर प्रोग्राम के नियमों और शर्तों के उल्लंघन के मामले में वालंटियर के खिलाफ कानून के प्रावधानों के रूप में कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार भी रखते हैं.


कैसे कंटेंट पर नजर रखेंगे Cyber volunteer
National Cyber Crime Reporting Portal कहता है कि सामान्य तौर पर, ऐसी सामग्री जो भारत में किसी कानून का उल्लंघन करती है. ऐसी सामग्री निम्नलिखित व्यापक श्रेणियों में आ सकती है. इसके साथ ही पोर्टल पर यह भी दर्ज है कि स्वयंसेवकों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 का अध्ययन करने की सलाह दी जाती है. 


  • भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ

  • भारत की रक्षा के खिलाफ

  • राज्य की सुरक्षा के खिलाफ

  • विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के खिलाफ

  • सार्वजनिक व्यवस्था को परेशान करने के उद्देश्य से सामग्री

  • सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना

  • बाल यौन शोषण सामग्री


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