कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल हुई एक और दवा, 'वीराफिन' को मिली इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी

फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की दवा वीराफिन को कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी DGCI ने दी है. 

Written by - Navin Chauhan | Last Updated : Apr 23, 2021, 04:52 PM IST
  • परीक्षण में दवा के इस्तेमाल से तेजी से कम हुआ है संक्रमण.
    कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की कम पड़ी है जरूरत.
कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल हुई एक और दवा, 'वीराफिन' को मिली इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी

नई दिल्ली: कोराना वायरस की दूसरी लहर के बीच संक्रमण का सामना कर रहे लोगों के लिए आशा की एक और किरण सामने आई है. भारत सरकार ने फार्मा कंपनी जायडस कैडिला की दवा विराफिन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. 

इस दवा का इस्तेमाल 18 साल से अधिक की उम्र के लोगों के इलाज में किया जाएगा. ये इन्जेक्शन के रूप में उपलब्ध होगी जिसकी सीधे अस्पतालों में सप्लाई की जाएगी. कोरोना संक्रमित मरीजों में जिस तरह संक्रमण को कम करने के लिए रेमडेसिविर इन्जेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है उसी तरह इसका उपयोग हो सकता है. 

Virafin, Pegylated Interferon alpha-2b (PegIFN) का इस्तेमाल सामान्य या कम संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाएगा. 

'वीराफिन' का निर्माण करने वाली कंपनी जायडस कैडिला ने एक बयान जारी करके कहा, वीराफिन के इस्तेमाल से मरीजों को तेजी से कोरोना संक्रमण से उभरने में मदद मिलेगी. इसके इस्तेमाल से मरीजों को कई तरह की जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. 

वीराफिन डॉक्टरों द्वारा प्रिस्क्राइब किए जाने के बाद अस्पतालों में मरीज के लिए उपलब्ध होगी. कंपनी का दावा है कि दवा के एक डोज से मरीज को इलाज के दौरान बहुत राहत मिलती है. 

इस दवा का भारत के 20 से 25 सेंटर्स में परीक्षण किया गया था. इसके इस्तेमाल के बाद संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की तुलनात्मक रूप से कम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी. अबतक के परीक्षण से संकेत मिले हैं कि कोरोना संक्रमित मरीजों के स्नायु तंत्र( रेस्परेटरी सिस्टम) का संक्रमण पर नियंत्रण होता है. स्नायु तंत्र का फेल होना कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.  इसके अलावा इस दवा ने अन्य वायरल इन्फेक्शन के खिलाफ भी प्रतिरोधक क्षमता प्रदर्शित की है. 

कैडिला हैल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर शर्विल पटेल का कहा, हम ऐसी दवा लोगों को दे रहे हैं जो संक्रमित मरीजों के शरीर में वायरल लोड को कम करने में मदद करेगी. अगर ये दवा मरीज को शुरुआती दौर में दी जाती है तो उसके इलाज में यह बहुत मददगार होगी. ये दवा उस वक्त बाजार में आई है जब लोगों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है.'

इस दवा ने अपनी तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों में बहुत सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं. इस दवा वायरस को तेजी से खत्म करने में मदद करती है इसके अन्य एंटीवायरल दवाओं की तुलना में अन्य फायदे भी हैं. 

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