नई दिल्लीः भारत में इस साल अगस्त में 1901 के बाद से सबसे शुष्क मौसम की स्थिति देखी गई है. एक वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि यह अल नीनो की तीव्र स्थिति का स्पष्ट परिणाम है.भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने कहा, "अल नीनो के प्रभाव के कारण अगस्त में बारिश कम रही और इससे सितंबर में बारिश के पैटर्न पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मौसम विभाग ने क्या कहा
इसके अतिरिक्त, भारत के मौसम विशेषज्ञ 31 अगस्त को सितंबर के लिए पूर्वानुमान के लिए तैयार हैं. आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारत जून-सितंबर के मानसून सीजन को कम से कम 8 प्रतिशत की कमी के साथ समाप्त करने के लिए तैयार है, जो कि 2015 के बाद से इस तरह की सबसे बड़ी कमी है, जिसके दौरान अल नीनो के कारण भी वर्षा में कमी आई थी.


उत्तर भारत में कब होगी वापसी
दक्षिण-पश्चिम मानसून 17 सितंबर या उससे पहले उत्तर भारत से वापसी शुरू कर देगा. आगामी महीने में उत्तरी और पूर्वी राज्यों में सामान्य स्तर से कम बारिश हो सकती है. इसके विपरीत, दक्षिणी प्रायद्वीप में वर्षा में बढ़ोतरी देखी जा सकती है.इससे पहले, आईएमडी ने कहा था कि जुलाई से सितंबर 2023 के दौरान भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर अल नीनो स्थितियों और हिंद महासागर पर सकारात्मक हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) स्थितियों की उच्च संभावनाएं हैं.


आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रशांत और हिंद महासागरों पर समुद्र की सतह के तापमान की स्थिति का भारतीय मानसून पर मजबूत प्रभाव पड़ता है और मौसम विभाग इन महासागरीय घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थितियों के घटनाक्रम की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है.


आईएमडी ने कहा कि वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में गर्म अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) तटस्थ स्थितियां प्रचलित हैं और अधिकांश भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) सामान्य से अधिक गर्म है और अल नीनो सीमा वैल्यू के करीब है.


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.