नई दिल्ली.  जी हां ये सच है, कोरोना का वायरस महिलाओं और बच्चों की तुलना में पुरुषों के लिए अधिक खतरनाक है. जिस शोध-कर्ताओं ने ये निष्कर्ष प्रस्तुत किया है उन्होंने अपने शोध के दौरान पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं और बच्चों में कोरोना वायरस का असर कम देखा. यहीं नहीं कोरोना के मृतकों के आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों की संख्या भी पुरुषों की तुलना में कम है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


 


चाइनीज़ सेंटर्स ऑफ़ डिज़ीज़ कंट्रोल की रिपोर्ट 


कोरोना को लेकर यह महत्वपूर्ण जानकारी चाइनीज़ सेंटर्स ऑफ़ डिज़ीज़ कंट्रोल के द्वारा किये गए  अध्ययन के माध्यम से सामने आई है.  इन शोधार्थियों ने कोरोना वायरस से संक्रमित 44 हज़ार लोगों को अपने अध्ययन के केंद्र में रखा था. उन्होंने देखा कि इनमें से 2.8 प्रतिशत पुरुषों की और 1.7 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु हुई. 


बड़ी आयु बड़े खतरे में 


इन शोधार्थियों ने आयु को केंद्र में रख कर अध्ययन किया तो पाया कि एक तरफ तो वायरस से संक्रमित 0.2 प्रतिशत बच्चे और किशोरों की मौत हुई है वहीं दूसरी और 80 साल से ज़्यादा उम्र के 15 प्रतिशत लोगों की इस संक्रमण के कारण मृत्यु हुई. 



 


महिलाओं और बच्चों को कोरोना का डर कम 


चीन के इस शोध से ये बात सामने आई है कि महिलाओं और बच्चों को कोरोना का डर कम है. इस अच्छे समाचार के पीछे का कारण ये है कि महिलाओं और बच्चों में संक्रमण कम होता है साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इस वायरस से बेहतर तरीक़े से लड़ने में सक्षम है. कुछ विशेषज्ञों ने ये भी बताया कि बच्चों में संक्रमण कम होने के पीछे एक कारण ये हो सकता है कि उनके अभिभावक बच्चों को अधिक सुरक्षित रखते हैं और संक्रमण के संकट से उनका हरसम्भव बचाव करते हैं. इसी तरह महिलायें ज्यादातर घर पर होती हैं और पुरूष बाहर, इसलिये भी महिलाओं को संक्रमण का खतरा पुरुषों के मुकाबले कम होता है.


ये भी पढ़ें. अब शुरू हुई रूस और अमेरिका के बीच तेल की जंग