नई दिल्ली: वित्तीय बजट 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने PM Ujjwalla Yojana के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ तक पहुंचाने की घोषणा की है, सरकार का मानना है कि उपभोक्ता बढ़ने से सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम हो जाएगा. वित्त मंत्रालय ने पेट्रोलियम सब्सिडी को घटाकर 12,995 करोड़ रुपये तक कर दिया है. बीते दिनों में, केरोसिन और एलपीजी के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है. जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार LPG पर सब्सिडी खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. 


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LPG के दाम में बढ़ोत्तरी
बीते तीन महीनों में कई बार LPG के दाम में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. सरकार LPG उपभोक्ताओं के खाते में सीधे सब्सिडी ट्रांसफर करती है. सब्सिडी का लाभ पाने के लिए उपभोक्ता को अपने आधार कार्ड नंबर की जानकारी अपने LPG प्रोवाइडर को देनी होती है. खुदरा ईंधन विक्रेताओं के ईंधनों के दाम बढ़ाने के कारण भी LPG के दाम में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. 



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सब्सिडी से राजस्व प्राप्ति में गिरावट
बीते वित्तीय वर्षों में LPG सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी से होने वाली राजस्व प्राप्ति में लगातार गिरावट दर्ज की गई है. वित्तीय वर्ष 2011-12 में पेट्रोलियम सब्सिडी के जरिए राजस्व प्राप्ति 9.1 प्रतिशत थी, जो कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में घटकर 1.6 प्रतिशत पर पहुंच गई. वित्तीय वर्ष 2011-12 में केरोसिन तेल पर सब्सिडी 28,215 करोड़ रुपये थी, जो कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में घटकर 3,659 करोड़ रुपये पर आ चुकी है.



सब्सिडी का बोझ सीमित करने की योजना
वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि PM Ujjwalla Yojana से सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ सकता है. सरकार सब्सिडी को गरीब वर्ग तक सीमित करके अपने बोझ को कम कर सकती है. इसके अतिरिक्त एक उपभोक्ता को आंवटित सिलेंडरों की संख्या को कम करके भी इस वित्तीय भार को कम किया जा सकता है. 


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