मुंबई: महाराष्ट्र में सोमवार की सुबह श्रद्धालुओं के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी आई, जहां राज्य में करीब 7 महीने बाद धार्मिक स्थल खुल गए है और मंदिरों में देव दर्शन शुरू हो गए हैं. महाराष्ट्र के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लग गई.
संतों के आगे झुकी उद्धव सरकार
आखिरकार महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार को संतों ने झुकने के लिए मजबूर कर ही दिया. काफी दिनों से महाराष्ट्र की तानाशाही सरकार और संतों के बीच घमासान चल रही थी. हिंदुत्व का ढोंग करने वाली उद्धव सरकार के खिलाफ संतों ने मोर्चा खोल रखा था. और अंत में कांग्रेस-शिवसेना-NCP की सरकार को संतों के आगे झुकना ही पड़ा.
मंदिरों के बाहर लगी भक्तों की भीड़
महाराष्ट्र में करीब 7 महीने बाद मंदिर के कपाट खुले, तो भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सूरज की पहली किरण से पहले ही श्रद्धालु देव दर्शन के लिए जमा होने लगे. मंदिर के बाहर लंबी-लंबी कतरें लगी रही और भक्त अपने बारी का इंतजार करते दिखे. आपको उन मुख्य मंदिरों के बारे में बताते हैं, जहां कपाट खुलते ही भक्तों का जमावड़ा लग गया.
महाराष्ट्र में खुले मंदिरों के कपाट
- मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के कपाट खुले
- मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए खुला
- पुणे का दगड़ू सेठ मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए खुला
- नागपुर के गणेश टेकरी मंदिर के कपाट भी खुले
इन सभी मंदिरों के बाहर भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ गई. सबसे पहले महाराष्ट्र के सिद्धिविनायक मंदिर का हाल बताते है. जहां सैकड़ों भक्त अपने इष्ट देव के दर्शन के इंतजार में खड़े दिखे. कोरोना की वजह से दर्शन के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ऐसे में मंदिर प्रशासन कोरोना गाइडलाइन्स के नियमों का पालन कर रही है.
सिद्धिविनायक मंदिर में QR कोड से प्रवेश की अनुमति है. 1 दिन में हजार भक्त ही सिद्धिविनायक का दर्शन कर सकेंगे. दर्शन के लिए पहले ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी. बिना बुकिंग के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाई गई है. भक्तों को प्रसाद चढ़ाने और मंदिर में भजन-कीर्तन पर पाबंदी है. मंदिर में बुजुर्ग और बच्चों की एंट्री पर बैन लगाया गया है.
महाराष्ट्र में आज से देव दर्शन
महाराष्ट्र सरकार की अनुमति के बाद धार्मिक स्थलों पर पुख्ता तैयारी की गई है. सिद्धिविनायक मंदिर पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं. ऐसा सिर्फ सिद्धिविनायक मंदिर में नहीं है बल्कि पुणे के गणेश मंदिर की भी है. सुबह से श्रद्धालु भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. कोरोना गाइलाइन्स का पालन करते हुए दर्शन कर रहे हैं. मंदिर में बुजुर्ग और बच्चों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है.
शिर्डी के साईं मंदिर ने रोज 3,000 श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए प्रबंध किए हैं. महाराष्ट्र के मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी इसी तरह के नियम लागू है. और लोगों से हर तरह की सावधानी बरतने की अपील की जा रही है.
धार्मिक स्थलों पर नियमों की सख्ती जरूरी
- मंदिर में दर्शन के लिए सरकार ने जारी किये दिशा-निर्देश
- दर्शनार्थियों को कोरोना से बचाव के नियमों का पालन जरूरी
- प्रसाद चढ़ाने और मंदिर में भजन-कीर्तन पर रहेगी रोक
महाराष्ट्र में आज से सभी धार्मिक स्थल खोल दिए गए हैं. ऐसे में सुबह से ही मंदिरों के बाहर भक्तों की भीड़ जमा होना शुरू हो गई है. हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने गाइडलान्स जारी कर दी हैं. मंदिर प्रशासन भी इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है कि लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग हो और सभी मास्क लगाकर मंदिर में आएं. फिलहाल प्रसाद बांटने और परिसर में भजन कीर्तन पर पूरी तरह से रोक जारी है. महाराष्ट्र में करीब 7 महीने बाद सभी धार्मिक स्थल खोले का ऐलान किया गया है.
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