नई दिल्ली: Multidimensional Poverty Index: नीति आयोग ने बीते सोमवार यानी 15 जनवरी 2024 को गरीबी रेखा से बाहर आने वाले लोगों के बारे में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 9 सालों में हमारे देश में करीब 24.82 करोड़ लोग पोवर्टी लाइन यानी गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2013-14 के दौरान भारत में 29.17 प्रतिशत गरीबी थी, जो साल 2022-23 में कम होकर 11-28 प्रतिशत रह गई. नीति आयोग के मुताबिक बहुआयामी गरीबी के मामले में सबसे ज्यादा कमी बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में आई है. 


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2022 तक देश से घटी इतनी गरीबी 
बता दें कि बहुआयामी गरीबी रिपोर्ट (Multidimensional Poverty Index) को शिक्षा, स्वास्थय और जीवनस्तर में सुधार के जरिया मापा जाता है.



नीति आयोग के मुताबिक देश में  2013 से 2014 तक 29.17 प्रतिशत बहुआयामी गरीबी थी, जो 2022-23 तक 11.28 प्रतिशत तक घट गई. वहीं इस अवधि के दौरान 24.82 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. 


 


पीएम मोदी ने दी प्रतिक्रिया 
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रिएक्शन दिया. 



इस दौरान पीएम मौदी ने लिखा, 'बेहद उत्साहजनक. यह समावेशी विकास को आगे बढ़ाने और हमारी अर्थव्यवस्था में परिवर्तनकारी बदलावों पर ध्यान केंद्रित करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. हम चौतरफा विकास और प्रत्येक भारतीय के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे.'


इन राज्यों में सबसे ज्यादा कम हुई गरीबी 
बहुआयामी गरीबी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा गरीबी कम हुई है. राज्य में 5.94 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं. दूसरे नंबर पर बिहार में सबसे ज्यादा गरीबी कम हुई है. यहां पर  3.77 करोड़ लोग पोवर्टी लाइन से बाहर आए हैं. वहीं तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश में 2.30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं.   


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