No Detention Policy: पढ़ाई नहीं की तो 5वीं और 8वीं में होंगे फेल, अब नहीं मिलेगी रियायत, लेकिन...

No Detention Policy: केंद्र सरकार ने सोमवार को 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है. इस फैसले के तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा. स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले की जानकारी दी है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 23, 2024, 05:54 PM IST
  • स्कूल से नहीं निकाला जाएगा
  • 'बच्चों में बढ़ेगी सीखने की लगन'
No Detention Policy: पढ़ाई नहीं की तो 5वीं और 8वीं में होंगे फेल, अब नहीं मिलेगी रियायत, लेकिन...

नई दिल्ली: No Detention Policy: केंद्र सरकार ने सोमवार को 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है. इस फैसले के तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा. स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले की जानकारी दी है.

स्कूल से नहीं निकाला जाएगा

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि आज हमने यह निर्णय लिया है कि पांचवीं और आठवीं में प्रयास करने के बाद भी डिटेंशन की जरूरत पड़े तो उसी के बाद डिटेन किया जाए. इसमें यह भी प्रावधान किया है कि आठवीं कक्षा तक के स्कूलों से बच्‍चों को निष्कासित नहीं किया जाए.

'बच्चों में बढ़ेगी सीखने की लगन'

उन्होंने आगे कहा, 'हम चाहते हैं कि हर एक बच्चे के अंदर सीखने की इच्छा बढ़े और इसको प्रयास में लाने के लिए उन बच्चों पर ध्यान दिया जाएगा, जो पढ़ाई में किसी कारणवश अच्छे नहीं है. इसलिए उन पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा. रूल में बदलाव आने के बाद यह संभव हो पाएगा और बच्चों में सीखने की लगन बढ़ेगी.'

असफल होने पर किया जाएगा फेल

'नो डिटेंशन पॉलिसी' खत्म होने के बाद कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा. फेल छात्रों को दो महीने के भीतर पुन: परीक्षा का अवसर मिलेगा और इसमें भी फेल होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाएगा. किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा.

राज्यों को अपना फैसला लेने की छूट

लगभग 16 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेश पहले ही नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म कर चुके हैं. हालांकि यह नियम केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों समेत केंद्र सरकार की ओर से संचालित स्कूलों पर लागू होगा लेकिन राज्य भी इस संबंध में अपना फैसला ले सकते हैं. क्योंकि स्कूल शिक्षा राज्य सूची के अंतर्गत आता है. इसलिए उन्हें इस संबंध में निर्णय लेने की छूट होती है.

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