नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी बैंकों को एटीएम से बिना कार्ड (कार्डलेस) कैश निकालने की सुविधा देने की अनुमति दी है. आरबीआई ने यह कदम कार्ड धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए उठाया.
वर्तमान में देश के कुछ ही बैंकों की ओर से एटीएम के माध्यम से कार्ड-रहित नकदी निकासी की सुविधा दी जा रही है. यह सुविधा भी ग्राहकों को तभी मिलती है, जबकि वे संबंधित बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं.
धोखाधड़ी, कार्ड क्लोनिंग रोकने में मिलेगी मदद
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘अब यूपीआई का उपयोग करते हुए सभी बैंकों और एटीएम नेटवर्क में कार्ड-रहित नकद निकासी सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है. इसके उपयोग से लेनदेन करने में आसानी होगी. इसके साथ ही बिना कार्ड के नकदी निकासी की सुविधा से कार्ड स्किमिंग, कार्ड क्लोनिंग जैसी धोखाधड़ी को भी रोकने में मदद मिलेगी.’
We're introducing card-less cash withdrawals to evade card skimming; the proposal is to begin authentication via UPI. It can be used for withdrawal from any bank's ATM, third-party ATM or White Label ATM. We're working out its system changes & instructions: RBI Dy Gov Rabi Sankar pic.twitter.com/mJ8g23DKFw
— ANI (@ANI) April 8, 2022
इस बारे में एनपीसीआई, एटीएम नेटवर्क और बैंकों को जल्द ही अलग-अलग निर्देश जारी किए जाएंगे. यूपीआई के जरिए प्रमाणीकरण करने का प्रस्ताव है. इसके बाद किसी भी बैंक के एटीएम या थर्ड पार्टी एटीएम से बिना कार्ड के रुपये निकाले जा सकेंगे.
ग्राहक सेवाओं में सुधार के लिए बनेगी समिति
वहीं, रिजर्व बैंक ग्राहक सेवाओं की समीक्षा और सुधार के लिए समिति बनाएगा. यह समिति उपभोक्ता संरक्षण की समीक्षा करेगी और उसे मजबूत करने के उपाय सुझाएगी. दास ने कहा, ‘केंद्रीय बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं. इन उपायों में ग्राहक सेवा, आंतरिक शिकायत निवारण और ‘ओम्बड्मैन’ प्रणाली पर नियामकीय ढांचा खड़ा करना शामिल है.’
दास ने कहा कि आरबीआई के नियमन के दायरे में आने वाली संस्थाओं ने उत्पादों और सेवाओं में नवाचारों, डिजिटल पैठ को गहरा किया. वित्तीय क्षेत्र में व्यापक बदलाव आया है. ऐसे में रिजर्व बैंक के नियमन वाली इकाइयों (आरई) की मौजूदा सेवाओं और ग्राहक सेवा नियमनों की अनुकूलता की समीक्षा के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव है.
रेपो रेट की दरों में नहीं हुआ बदलाव
यहां पर बता दें कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार 11वीं बार कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे चार प्रतिशत के निचले स्तर पर कायम रखा. केंद्रीय बैंक ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ती महंगाई के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए अपने रुख को यथावत रखा है.
बैंक EMI में नहीं होगा कोई परिवर्तन
नीतिगत दर यथावत रहने का मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है जबकि मुद्रास्फीति के अनुमान में बढ़ोतरी की है.
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