नई दिल्ली: जिस तरह दुनिया को कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में लिया है. उससे भारत में भी बड़ी महामारी का ख़तरा बड़ा होने लगा है. और इससे बचने का सिर्फ एक उपाय है कि आप सतर्क रहें. इसलिए ZEE मीडिया आपको आनेवाले ख़तरे को लेकर अलर्ट कर रहा है और आपको वो जानकारी दे रहा है जिससे आप इस लड़ाई को जीत सकें. क्योंकि, जिस तरह बीमारी महामारी बन गई उससे फिलहाल तो यही लगता है कि जो अबतक हमने देखा वो सिर्फ ट्रेलर है और पिक्चर अभी बाकी है.


भारत के पास अब बस एक महीने का वक्त?


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चीन से फैले कोरोना वायरस ने वैसे तो अब हिंदुस्तान को भी अपनी ज़द में ले लिया है. देश के 13 राज्यों में कोरोना के मरीज हैं. सरकार ने इसे राष्ट्रीय आपदा माना है और लोगों को इस वायरस के खिलाफ जंग के लिए तैयार किया जा रहा है. गनीमत ये है कि अब तक इस वायरस का संक्रमण देश में ज्यादा लोगों तक नहीं फैला है. लेकिन आशंका जताई जा रही है कि कोरोना को भारत में अपना असर दिखाने से रोकने के लिए अब बस एक महीने का वक्त है.


भारत में अभी दूसरे स्टेज पर है ये संक्रमण


कहा जा रहा है कि भारत में अभी ये संक्रमण दूसरे स्टेज में है. दरअसल पहले स्टेज में संक्रमित जगहों से वायरस फैलने के मामले सामने आते हैं. दूसरे स्टेज में ये स्थानीय लोगों में फैलना शुरू होता है, मामले बढ़ने लगते हैं. तीसरे स्टेज में बड़े पैमाने पर ये समुदायों, मोहल्लों में फैलने लगता है और चौथे स्टेज में बीमारी महामारी में बदल जाती है, कहना मुश्किल कि कब-कहां खत्म होगी,


हालांकि, जरूरी कदम उठा कर भारत शुरुआती स्टेज मे ही कोरोना को कुचल सकता है. क्योंकि अगर कोरोना भारत में स्टेज 3 में पहुंचा तो महामारी जैसे हालात होंगे जैसे कि चीन और इटली में हैं.


कोरोना वायरस को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इससे संक्रमित शख्स कौन है. इसकी पहचान जबतक होती है तबतक उसके संपर्क में आनेवाले भी वायरस से संक्रमित हो सकते हैं और ये भी जरूरी नहीं कि कोरोना वायरस का असर संक्रमित होनेवाले पर फौरन हो. इसलिए इस वायरस के चक्रव्यूह में हम सब हैं और इस कोरोना को हराने के लिए हम सबको सामुहिक प्रयास करने होंगे. इसलिए यहां ये समझना जरूरी है कि किन लोगों को इस संक्रमण की जांच करवानी चाहिए.


कोरोना से सावधानी बरतने के लिए क्या करें?


अगर कोई शख्स प्रयोगशाला में पॉजिटिव पाए गए मरीज के सीधे संपर्क में आया हो या फिर वो पिछले 14 दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित देश की यात्रा करके लौटा हो तो उस शख्स को 14 दिन तक घर में ही आइसोलेशन यानि अलग-थलग रहना चाहिए. अगर 14 दिनों के भीतर किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आए तो आगे जांच करवाने की जरूरत नहीं. लेकिन, अगर लक्षण नजर आएं तो प्रयोगशाला में जांच जरूर करवा लेनी चाहिए. इसके लिए स्वास्थय मंत्रालय ने हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया है.


CORONA से बचने के लिए ये ध्यान दें


इसके अलावा जरूरी ये भी है कि कोरोना से जंग के लिए कुछ जरूरी एहतियात बरतें. जैसे साफ-सफाई का ख्याल रखा जाए, बार-बार हाथ धोएं जाएं, भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और मास्क का भी इस्तेमाल करें.


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कोरोना से इस लड़ाई में सबसे जरूरी है जानकारी और उतना ही जरूरी है कि इसको लेकर किसी तरह का डर पालने की जगह एहितयात बरत कर इसे फैलने रोका जाए. हालांकि, भारत ने इसको लेकर पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है और अच्छी बात ये भी है कि भारत की करीब 65 फीसदी आबादी युवा है. इस बीमारी का ज्याद असर बुजुर्गों पर होता है. साथ ही साथ भारत की सीमाएं भी यूरोपीय देशों की तरह खुली हुई नहीं हैं और भारत ने विदेशियों के आने पर भी फिलहाल रोक लगा रखी है.


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