नई दिल्लीः इस वर्ष कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) यूजी तीन अलग-अलग पालियों में आयोजित किया जा रहा है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मुताबिक, देशभर में परीक्षा केंद्रों की पहचान की जा रही है. इन परीक्षा केंद्रों में कंप्यूटर, बैंडविड्थ और तकनीकी कर्मियों सहित उपलब्ध बुनियादी ढांचे को जांचा जा रहा है, ताकि इस वर्ष सीयूईटी की परीक्षा के दौरान तकनीकी खामियां न आए.


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अभी नहीं हो रहा है जेईई और नीट का विलय
यूजीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस वर्ष या अगले वर्ष जेईई और नीट जैसी महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं का विलय नहीं किया जा रहा है. इन परीक्षाओं के विलय से कम से कम दो साल पहले इस योजना की घोषणा की जाएगी. प्रतियोगी परीक्षाओं के विलय को लेकर विभिन्न संभावनाएं तलाशी जा रही है और इस दिशा में काम शुरू हुआ है.


इस साल सभी मुद्दे सुलझा लिए गए हैंः यूजीसी
यूजीसी ने भी यह स्वीकार किया है कि बीते वर्ष परीक्षा के दौरान कई गड़बड़ियां हुई थीं. हालांकि इसके साथ ही यूजीसी का कहना है कि इस साल सभी मुद्दों को सुलझा लिया गया है. छात्रों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए पूरी योजना तैयार की गई है. योजना के तहत अतिरिक्त कंप्यूटर और अतिरिक्त केंद्रों की व्यवस्था की गई है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि किसी तकनीकी खराबी की स्थिति में उम्मीदवारों को वहां स्थानांतरित किया जा सके. इसका एक फायदा यह होगा कि किसी विशेष पाली की परीक्षा रद्द नहीं करनी पड़ेगी.


गैर पंजीकृत विश्वविद्यालय भी कर सकते हैं सीयूईटी स्कोर का इस्तेमाल
देशभर के ऐसे कई विश्वविद्यालय हैं, जिन्होंने सीयूईटी प्रक्रिया के लिए अभी तक स्वयं को पंजीकृत नहीं किया है. इसके बावजूद ये विश्वविद्यालय भी सीयूईटी स्कोर का इस्तेमाल कर सकेंगे. इसका सीधा अर्थ यह है कि सीयूईटी के लिए एनटीए के साथ पंजीकृत न होने के बावजूद विश्वविद्यालय चाहें तो सीयूईटी परीक्षा के बाद अंडर ग्रेजुएट एडमिशन के लिए वह सीयूईटी स्कोर का इस्तेमाल कर सकते हैं.


इस साल 15 लाख से ज्यादा छात्र दे सकते हैं परीक्षा
बीते वर्ष यह परीक्षा पहली बार आयोजित की गई थी, बावजूद इसको बड़े पैमाने पर आयोजित किया गया. 14.9 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण कराया था. 450 केंद्रों में 5 सप्ताह में परीक्षा आयोजित की गई थी. वहीं इस वर्ष इस परीक्षा में पहले से भी अधिक यानी कि 15 लाख से भी ज्यादा छात्रों के शामिल होने का अनुमान है. 


परीक्षा केंद्रों की संख्या दोगुनी की गई
यही कारण है कि परीक्षा आयोजित करवाने वाली संस्था 'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी' ने इस वर्ष परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी से भी अधिक, लगभग 1000 कर दी है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का अनुमान है कि बेहद उदार प्रक्रिया होने के कारण इस वर्ष लगभग 200 से अधिक विश्वविद्यालय सीयूईटी स्कोर के आधार पर अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले देंगे. 


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