नई दिल्ली: देश में डिजिटल इंडिया की पहल को बढ़ावा मिलने के बाद से लोगों की डिजिटल मोड में पेमेंट (Digital Payment Service)  करने पर निर्भरता बढ़ी है.


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लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आप किसी को डिजिटल मोड में पेमेंट करते हैं अथवा पैसे ट्रांसफर करते हैं और ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है. 


ऐसी स्थिति में अगर बैंक एक तय सीमा के भीतर आपके खाते में पैसे रिवर्स नहीं करता है, तो इसके लिए बैंक को जुर्माना भरना पड़ सकता है. 


ग्राहकों की बढ़ी समस्या


नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के दौरान बैंकों के बंद रहने के कारण लोगों की डिजिटल मोड से पेमेंट और पैसे ट्रांसफर करने पर निर्भरता बढ़ी थी. 


इस दौरान ट्रांजैक्शन की संख्या अधिक होने से कई बैंकों के सर्वर हैंग हो गए और ग्राहकों को पैसे ट्रांसफर करने में समस्या का सामना करना पड़ा.


कई ग्राहकों को यह समस्या आई कि उनके खाते से पैसे कट गए, लेकिन जिसके खाते में पैसे भेजे गए वहां नहीं पहुंचे अथवा ट्रांजैक्शन ही फेल हो गया.


ग्राहकों को इस समस्या को लेकर NPCI ने ट्वीट कर यह कहा कि ग्राहकों को पैसे ट्रांसफर करने में आ रही दिक्कत को ठीक कर दिया गया है. अब ग्राहक UPI, IMPS जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. 


इस ट्वीट पर ही कई ग्राहकों ने यह सवाल उठाया है कि डिजिटल पेमेंट करते समय उनके खाते से पैसे कट गए हैं और वो कब तक पैसे आएंगे. 


बैंकों को देना होगा जुर्माना


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 सितंबर, 2019 को एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें बताया गया था कि डिजिटल पेमेंट करते समय अगर ट्रांजैक्शन फेल होता है और बैंक तय अवधि के भीतर ग्राहक को पैसे वापस नहीं करता है, तो बैंक को ग्राहकों को  प्रतिदिन 100 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी.



डिजिटल पेमेंट करते समय अगर ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है, तो आमतौर पर एक दिन के भीतर ग्राहक के खाते में पैसे वापस आ जाते हैं. 


हर बैंक के लिए पैसे रिवर्स करने की अवधि अलग-अलग होती है. बैंक अगर इस अवधि के भीतर पैसे रिवर्स करने में नाकाम रहते हैं, तो उन्हें प्रतिदिन 100 रुपये की पेनाल्टी ग्राहक को देनी होगी. 


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कहां करें शिकायत


अगर डिजिटल पेमेंट करते समय आपका ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है, तो आपको सबसे पहले अपने सर्विस प्रोवाइडर और बैंक से संपर्क करना होगा. 



अगर यहां से आपको अपनी समस्या का समाधान नहीं मिलता है, तो आप आरबीआई के डिजिटल ट्रांजैक्शन, 2019 अधिनियम की ओम्बड्समैन स्कीम के तहत अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 


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