नई दिल्ली. आधार कार्ड भारत में पहचान पत्र के रूप में अपनी लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच रहा है. 12 नंबर की यूनीक आईडी वाले आधार कार्ड के देश में अब तक 135 करोड़ से ज्यादा धारक हो चुके हैं. लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि देश में पहला आधार कार्ड किसे दिया गया था? दरअसल 28 जनवरी 2009 को लॉन्च हुए आधार प्रोजेक्ट में पहला कार्ड एक मराठी महिला को दिया गया था. उनका नाम है रंजना सोनवने. 


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30 वर्षीय रंजना उत्तरी महाराष्ट्र के एक गांव टेंभ्ली की रहने वाली हैं. उस समय प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें 782474317884 आधार नंबर दिया गया था. और रंजना का नाम भारत के इतिहास में दर्ज हो गया क्योंकि यही आधार प्रोजेक्ट अब धीरे-धीरे देश के हर कोने में पहुंच चुका है. आधार कार्ड और उससे जुड़ी सुविधाएं लोगों की जिंदगियों से जुड़ चुकी हैं. 


सोनिया और मनमोहन ने किया था लॉन्च
आजाद के भारत के इतिहास की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक आधार प्रोजेक्ट को यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले से लॉन्च किया था. आधार प्रोजेक्ट के चेयरमैन रहे नंदन निलेकणि ने कहा था-एक बार जब किसी के पास यूनीक आईडी आ जाएगी तो उसकी आयडेंटिटी बायमीट्रिक्स से लिंक हो जाएगी. और उस व्यक्ति की विशेष पहचान होगी.


आधार कार्ड मिलते वक्त क्या सोच रही थीं रंजना
आधार कार्ड पाते वक्त रंजना सोनवने नहीं जानती थीं कि उन्हें इससे क्या फायदा होगा लेकिन उन्हें लगता था कि इससे उन्हें मदद मिलेगी. रंजना ने कहा था-हमारा घर बहुत छोटा है, इसलिए सारे सरकारी कागजात संभालकर रखने में दिक्कत होती है. 


अकेली नहीं थीं रंजना
ऐसा नहीं था कि पहली बार आधार कार्ड इकलौती रंजना को ही मिला था. उस वक्त दस लोगों को आधार कार्ड दिए गए थे. तब आधार को लेकर विचार यह था कि भविष्य में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने में यह मददगार साबित होगा.  


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