थोक महंगाई दर 13 महीने के सबसे उच्चतम स्तर पर, जानें आम आदमी पर क्या असर हुआ?
Wholesale Inflation: अप्रैल, 2024 में थोक महंगाई की दर 1.26% तक पहुंच गई. इस दौरान खान-पान की चीजें और बिजली भी महंगी हुई. ईंधन के दाम भी बढ़े.
नई दिल्ली: Wholesale Inflation: इस साल अप्रैल महीने में थोक महंगाई बढ़ी है. अप्रैल में थोक महंगाई की दर 1.26% पहुंच गई है. यह मार्च में 0.53% थी. महज एक महीने में थोक महंगाई की दर 0.79% बढ़ गई. हालांकि, अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई में कुछ राहत मिली है.
खाने-पीने की चीजें हुईं महंगी
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी किया है. इसमें कहा है कि अप्रैल में खाने-पीने की चीजें महंगी हुई. ईंधन (कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस) के दाम भी बढ़े. इसका सीधा प्रभाव थोक महंगाई पर दिखा.
थोक महंगाई 13 महीने के सबसे उच्चतर स्तर पर
कॉमर्स मिनिस्ट्री का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट के दाम भी बढ़े हैं. इन्हीं कारणों के चलते थोक महंगाई 13 महीने के सबसे उच्चतर स्तर पर पहुंच गई. इससे पहले साल 2023 के मार्च महीने में थोक महंगाई की दर 1.34% दर्ज की गई थी.
सब्जियों की कीमत भी बढ़ी
जानकारी के अनुसार, अप्रैल में फूड आर्टिकल की महंगाई दर 7.74 फीसदी थी. जबकि मार्च में ये 6.88 फीसदी थी. इस दौरान सब्जियों की कीमत भी बढ़ी. वहीं, ईंधन की महंगाई दर अप्रैल में 1.38 फीसदी थी. जबकि मार्च में ये 0.77 फीसदी थी.
थोक महंगाई का क्या असर
थोक महंगाई बढ़ने से सबसे अधिक असर मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट की लागत पर पड़ता है. लागत भी बढ़ जाती है. इससे मेटल, केमिकल, प्लास्टिक और रबर जैसी चीजें महंगी हो जाती हैं. बिजली, खाद्य सामग्री, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि रही. आम आदमी पर इसका सीधा असर हुआ है.
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