अन्नदाताओं के लिए सरकार ने खोला खज़ाना, गरीब किसानों को मिलेंगे इतने रूपये !

विदाई की वेला में वादों की फुलझड़ी पहली बार नहीं छूटी है. सियासत की रीत ही ऐसी है, जाती हुई सरकारें गरीबों के गीत गाती है. किसानों-मजदूरों की जानिब दोस्ती का हाथ बढ़ाती है. आम आदमी के साथ खुलकर खड़ी हो जाती है. अंतरिम बजट के दौरान संसद में सरकार की नुमाइश भी ऐसी ही थी..ऐसा लगा मानों सरकार का सारा खजाना अन्नदाताओं के नाम हो गया.

विदाई की वेला में वादों की फुलझड़ी पहली बार नहीं छूटी है. सियासत की रीत ही ऐसी है, जाती हुई सरकारें गरीबों के गीत गाती है. किसानों-मजदूरों की जानिब दोस्ती का हाथ बढ़ाती है. आम आदमी के साथ खुलकर खड़ी हो जाती है. अंतरिम बजट के दौरान संसद में सरकार की नुमाइश भी ऐसी ही थी..ऐसा लगा मानों सरकार का सारा खजाना अन्नदाताओं के नाम हो गया.

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