अब यूपी में कांग्रेस की नैया प्रियंका भरोसे !

यूपी में कांग्रेस ने 1989 के बाद सत्ता का स्वाद नहीं चखा है. नारायण दत्त तिवारी के बाद यूपी में कांग्रेस का कोई सदस्य आजतक मुख्यमंत्री नहीं बन सका. पहले मंडल की राजनीति और फिर राम मंदिर आंदोलन ने कांग्रेस को यूपी में हाशिये पर धकेल दिया. 1989 के बाद यूपी की सत्ता पर समाजवादी पार्टी, बीएसपी और बीजेपी का ही कब्जा रहा है. कांग्रेस का कोर वोटर ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम कांग्रेस से दूर छिटक गया है. आज सबसे बड़े सूबे में कांग्रेस के पास केवल 2 सांसद और 7 विधायक ही हैं. यही वजह है कि कांग्रेस अपनी यूपी की सियासत में जान फूंकने में लगी है.

यूपी में कांग्रेस ने 1989 के बाद सत्ता का स्वाद नहीं चखा है. नारायण दत्त तिवारी के बाद यूपी में कांग्रेस का कोई सदस्य आजतक मुख्यमंत्री नहीं बन सका. पहले मंडल की राजनीति और फिर राम मंदिर आंदोलन ने कांग्रेस को यूपी में हाशिये पर धकेल दिया. 1989 के बाद यूपी की सत्ता पर समाजवादी पार्टी, बीएसपी और बीजेपी का ही कब्जा रहा है. कांग्रेस का कोर वोटर ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम कांग्रेस से दूर छिटक गया है. आज सबसे बड़े सूबे में कांग्रेस के पास केवल 2 सांसद और 7 विधायक ही हैं. यही वजह है कि कांग्रेस अपनी यूपी की सियासत में जान फूंकने में लगी है.

ट्रेंडिंग विडोज़