सहादत पर सियासत से पश्चिम बंगाल में बचेगा ममता का 'किला' !

जब वतन गुस्से में हो, जब फिजां वीरता के गान की हो, जब गली-गली से शौर्य और हुंकार आनी चाहिए. जब पड़ोसी देश हाथ में खंजर लेकर पीठ पर वार कर रहा हो, जब सड़क से संसद तक देश की आवाज़ एक होनी चाहिए. जब नज़रे सियासी नहीं राष्ट्रप्रेम की हो तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलवामा की 40 शहादतों पर सियासत चमका रही है. पहले कहा कि शहादत के नाम पर कुछ लोग समाज को बांटकर चुनावी लाभ उठाना चाहते है. अब ममता अपने बयान से ख़ुद क्या हासिल करना चाहती है.

  • Zee Media Bureau
  • Feb 23, 2019, 05:56 PM IST

जब वतन गुस्से में हो, जब फिजां वीरता के गान की हो, जब गली-गली से शौर्य और हुंकार आनी चाहिए. जब पड़ोसी देश हाथ में खंजर लेकर पीठ पर वार कर रहा हो, जब सड़क से संसद तक देश की आवाज़ एक होनी चाहिए. जब नज़रे सियासी नहीं राष्ट्रप्रेम की हो तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलवामा की 40 शहादतों पर सियासत चमका रही है. पहले कहा कि शहादत के नाम पर कुछ लोग समाज को बांटकर चुनावी लाभ उठाना चाहते है. अब ममता अपने बयान से ख़ुद क्या हासिल करना चाहती है.

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