नई दिल्लीः पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर पीएम इमरान खान के उस दावे की पोल खुल गई, जिसमें वे अक्सर अल्पसंख्यक हितों की सुरक्षा की बात करते हैं. दरअसल, यहां एक हिंदू मंदिर पर हमला बोला गया और उसमें तोड़-फोड़ की गई. मंदिर 100 साल पुराना बताया जा रहा है और यहां के रावलपिंडी शहर (Rawalpindi) शहर में स्थिति है.
बीते कुछ महीने से इस मंदिर में मरम्मत का काम चल रहा था. लेकिन इसे शनिवार को तोड़ दिया गया.
मंदिर के ढांचे को पहुंचाया नुकसान
जानकारी के मुताबिक, सिक्योरिटी ऑफिसर सैयद रजा अब्बास जैदी ने मंदिर और उसकी पवित्रता को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने बताया कि 10 से 15 की संख्या में लोगों की भीड़ ने मंदिर पर धावा बोल दिया. भीड़ ने मंदिर के मुख्य दरवाजे को क्षतिग्रस्त कर दिया.
मंदिर की ऊपरी मंजिल के एक अन्य दरवाजे और सीढ़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. डॉन अखबार ने बताया कि खबर के मुताबिक, ‘एवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ (ETPB) के सुरक्षा अधिकारी सैयद रजा अब्बास जैदी ने रावलपिंडी के बन्नी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज करवाई. मंदिर पर हमले की ये घटना शहर के पुराना किला क्षेत्र में शनिवार शाम 7.30 बजे हुई थी.
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काफी लंबे समय से था कब्जा
पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया है कि पिछले एक महीने से मंदिर के निर्माण और मरम्मत का काम चल रहा है. मंदिर के सामने कुछ अतिक्रमण किया गया था, जिसे 24 मार्च को हटा दिया गया. मंदिर में धार्मिक गतिविधियां शुरू नहीं हुई हैं और न ही वहां पूजा के लिये कोई मूर्ति रखी गई है.
इससे पहले, अतिक्रमण करने वालों ने मंदिर के आसपास दुकानें और पटरियां बनाकर काफी लंबे समय से कब्जा कर रखा था. जिला प्रशासन ने पुलिस की मदद से हाल ही में सभी तरह का अतिक्रमण हटा दिया.
होली नहीं मना सके लोग
मंदिर के प्रशासक ओम प्रकाश ने घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलने पर रावलपिंडी पुलिस के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और हालात को काबू में किया.
उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिए उनके घर के साथ-साथ मंदिर में भी पुलिस तैनात की गई है. इसके साथ ही मंदिर में होली समारोह न किए जाने की पुष्टि भी उन्होंने की.
खैबर पख्तूनवा में तोड़ा था मंदिर
इसके पहले खैबर पख्तूनवा के एक मंदिर में भी तोड़फोड़ हुई थी. 30 दिसंबर को पाकिस्तान की धार्मिक पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के कट्टरपंथियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले स्थित टेरी गांव में बने मंदिर और उससे लगी समाधि में तोड़फोड़ की थी और उसके बाद मंदिर को आग के हवाले कर दिया था. इस मामले में 50 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.
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