नई दिल्ली: जून में ये जानकारी सामने आई थी कि रूस ने भारत के खिलाफ चीन की एक नहीं सुनी और भारत को S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की जल्द डिलीवरी का वादा किया. जुलाई आई तो भारत-रूस की दोस्ती पर चीन की चिंता बढ़ाने वाली एक और बड़ी खबर सामने आ गई. ये सिर्फ एक खबर नहीं बल्कि भारत और रूस की दोस्ती में दो और मजबूत स्तंभ है.
मोदी-पुतिन की दोस्ती के दो दमदार स्तंभ
आपको एक-एक करके समझाते हैं कि वो कौन से दो स्तंभ हैं जिससे भारत और रूस की दोस्ती और भी गहरी हो गई है. इसके लिए आपको सबसे पहले आसमान में अचूक प्रहार करने वाले दो युद्धक विमानों के बारे में जानना चाहिए.
सुखोई - 30MKI
दो पावरफुल इंजन से लैस लड़ाकू विमान, जिसमें करीब 3 हज़ार किलोमीटर दूर तक दुश्मनों के ठिकाने को आसानी से नष्ट करने की असीम शक्ति है.
मिग-29
दो इंजन वाले जेट फाइटर एयरक्राफ्ट, हर घंटे 2000 किलोमीटर की रफ्तार वाले इस लड़ाकू विमान ने कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान पर विजय की बमवर्षा की थी.
अब यही दोनों अतिरिक्त लड़ाकू विमान बहुत जल्द रूस से भारत को मिल सकते हैं. बड़ी खबर ये है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा मंत्रालय ने रूस से 12 सुखोई और 21 मिग-29 खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा, देश में मौजूदा 59 मिग-29 को अपग्रेड करने पर भी फैसला लिया गया. रूस से मिग और सुखोई की ये बिग डील 18 हजार करोड़ रुपये की होगी.
यानी इस बड़ी ख़बर से संदेश क्या-क्या मिले?
पहला संदेश- शी जिनपिंग पर भारी है मोदी-पुतिन की दोस्ती
दूसरा संदेश- चीन से तनाव के बीच रूस भारत के साथ खड़ा है
तीसरा संदेश- मोदी-पुतिन की ये दोस्ती दुनिया हिला देने वाली है
चौथा संदेश- रूस से भारत सुखोई और मिग फाइटर जेट खरीदेगा तो चीन का सुखहरण होगा
पांचवां संदेश- भारतीय वायुसेना की बढ़ती शक्ति के सामने चीन-पाकिस्तान कोई गलती करने से पहले सौ बार सोचेंगे
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