अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या के लिए 21 करोड़ रूपये की सुपारी
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के लिए सुपारी निकाली गई है. ट्रंप को मारने वाले को 30 लाख डॉलर यानी करीब 21.35 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है.
नई दिल्ली: ईरान और अमेरिका के तनाव के बीच ईरान में अब भी ट्रंप के प्रति नफरत कम नहीं हो रही है. अब ईरान की संसद में एक सांसद ने ऐलान किया है कि जो भी ट्रंप का खात्मा करेगा. उसे वो अपनी तरफ से 21 करोड़ रुपए का ईनाम देंगे.
अमेरिका के खिलाफ जारी ईरान का दंगल
अपने कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से बदले की आग में जल रहा ईरान हर एक दिन अमेरिका को सबक सिखाने के लिए नए नए तरीके अपना रहा है. कभी इराक में अमेरिकी सेना पर हमले, कभी देश भर में लगे death to america के नारे और अब तो ईरान की संसद में ट्रंप की जान की कीमत तक लगने लगी है.
ईरानी सांसद ने निकाली ट्रंप की सुपारी
ईरान के एक सांसद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मारने वाले के लिए 30 लाख डॉलर यानी करीब 21.35 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की. ईरान के सांसद अहमद हमजेह ने ये घोषणा अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए अपने देश के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए की है.
ईरान के इस सांसद ने संसद में खड़े होकर कहा कि 'करमन प्रांत के लोगों की तरफ से मैं ये कहना चाहता हूं कि जो भी ट्रंप को मारेगा. हम उसे 3 मिलियन डॉलर की राशि ईनाम में देंगे. अमेरिका को इस सच्चाई का अहसास जल्द ही होगा कि मरा हुआ सुलेमानी ज़िंदा सुलेमानी से ज्यादा खतरनाक कैसे है'
जनरल सुलेमानी की हत्या से है नाराजगी
मजलिस के सदस्य अहमद हमजेह ने ये घोषणा मेजर जनरल सुलेमानी के गृह नगर केरमान के निवासियों की तरफ से की है. केरमान वही जगह है जहां सुलेमानी को दफनाया गया. यहीं पर सुलेमानी के सुपुर्द ए खाक में शहरों पर लाखों की भीड़ उमड़ी थी.
ईरान के इस सांसद ने ये भी कहा कि "अगर हमारे पास आज परमाणु हथियार होते, तो हम खतरों से सुरक्षित होते. हमें अपने एजेंडे में अपरंपरागत वॉरहेड ले जाने में सक्षम लंबी दूरी की मिसाइलों का उत्पादन करना चाहिए. ये हमारा स्वाभाविक अधिकार है."
जारी है दोनों मुल्कों के बीच तीखी बयानबाजी
वहीं ईरान के संसद में इस तरीके के बयान को अमेरिका ने इसे बेवकूफी से भरा बयान बताया है. वहीं इससे पहले भी दोनों देशों के बीच का तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा. कभी ईरान की तरफ से तो कभी अमेरिका की तरफ से तीखी बयानबाजी होती ही रही है.
ईरान की संसद में इस तरह ट्रंप की जान की कीमत लगने के बाद अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि ईरान के कई जासूस अमेरिका में मौजूद हो सकते हैं जो ट्रंप के लिए खतरा बन सकते हैं.
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अमेरिका और ईरान के बीच तनाव तब से जारी है जब बगदाद एयरपोर्ट पर तीन जनवरी को अमेरिका के किए गए ड्रोन हमले में ईरान की इलीट कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी जिसके बाद ईरान ने अमेरिका के दो बेसों पर 22 मिसाइलें गिराईं थीं. इसमें 11 अमेरिकी सैनिकों घायल हुए थे.
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