अफगानिस्तानः हेरात के गवर्नर ने तालिबान के सामने किया सरेंडर, बढ़ रहा खतरा

काबुलः मुजाहिदीन के पूर्व नेता मोहम्मद इस्माइल खान ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है क्योंकि अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा शहर हेरात शुक्रवार को तालिबान के हाथों में आ गया. मीडिया रिपोटरें ने कहा कि समूह द्वारा सभी प्रमुख सरकारी संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 13, 2021, 09:26 PM IST
  • काबुल के बिल्कुल पास पहुंच चुके हैं तालिबानी
  • जानिए क्या है इसका कारण
अफगानिस्तानः हेरात के गवर्नर ने तालिबान के सामने किया सरेंडर, बढ़ रहा खतरा

काबुलः मुजाहिदीन के पूर्व नेता मोहम्मद इस्माइल खान ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है क्योंकि अफगानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा शहर हेरात शुक्रवार को तालिबान के हाथों में आ गया. मीडिया रिपोटरें ने कहा कि समूह द्वारा सभी प्रमुख सरकारी संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया था. हेरात के गवर्नर, पुलिस प्रमुख, हेरात में एनडीएस कार्यालय के प्रमुख, मुजाहिदीन के पूर्व नेता मोहम्मद इस्माइल खान, उप आंतरिक सुरक्षा मंत्री और 207 जफर कॉर्प्स कमांडर सहित सभी सरकारी अधिकारियों ने प्रांत के कब्जा करने के बाद तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

तीन हफ्ते से चल रहा था आंदोलन
हेरात शहर के बाहरी इलाके में लगभग तीन सप्ताह से संघर्ष चल रहा था. तालिबान को सुरक्षा और रक्षा बलों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था, जो इस्माइल खान के नेतृत्व में सार्वजनिक विद्रोही बलों के साथ थे. यह तब आया है जब निमरोज, फराह, घोर और बडघिस प्रांत, जो सभी पश्चिम क्षेत्र में स्थित हैं, भी पिछले एक सप्ताह में तालिबान के हाथों में आ गए हैं.

तालिबान ने अब तक कम से कम 17 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है. काबुल शहर से 70 किमी दक्षिण में लोगार प्रांत के केंद्र में भारी संघर्ष चल रहा है.

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा जारी
काबुल तक तालिबान का मार्च हर दिन अधिक प्रांतीय राजधानियों के पतन के साथ जारी है. अफगान सरकार जवाबी हमला करने की कोशिश कर रही है, और राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक और सेना प्रमुख को बर्खास्त कर दिया है.

कंधार पर भी कब्जा
लॉन्ग वॉर जर्नल के अनुसार, तालिबान अब कम से कम आठ पूरे प्रांतों को नियंत्रित कर रहा है, और इसकी पहुंच में उत्तर में ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जहां विद्रोहियों का नियंत्रण नहीं था जब उसने 9/11 से पहले देश पर शासन किया था.गुरुवार को हेरात शहर और शुक्रवार को कंधार भी उनकी झोली में चले गए.

विदेशी मीडिया में ये कहा गया
कई अफगान सैनिक बहादुरी से लड़ रहे हैं, लेकिन उनके पास हवाई समर्थन की कमी है जो उनका मुख्य सैन्य लाभ रहा है. वॉल स्ट्रीट जनरल के अनुसार बाइडन ने देश से सभी अमेरिकी एयर पॉवर को वापस लेने की गलती की, जिसमें निजी ठेकेदार भी शामिल हैं जो हेलीकॉप्टर और विमानों को बनाए रखने में अफगान वायु सेना की सहायता करते हैं. ठेकेदारों को अब सचमुच जूम कॉल के माध्यम से सहायता करनी पड़ रही है.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़