नई दिल्ली.  अमेरिका में खत्म हुई चीनी दोसतावास की कहानी. ह्यूस्टन शहर में स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास को आखिरकार आधिकारिक तौर पर आज शनिवार पच्चीस जुलाई को ताला-बंद कर दिया गया है. चालीस साल पहले खुला था यह चीनी दूतावास जिसे दुनिया में पहली बार इस तरह बंद करवाया गया है. अमेरिका के सशस्त्र सुरक्षा गार्ड्स अंदर आये और उन्होंने दूतावास के अंदर बचे चीनियों को बाहर करके ताला मार दिया. 


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कुछ दिन पहले दिया था आदेश 


अमेरिका के चीन के साथ चल रहे ऐतिहासिक विवाद के इस दौर में यह घटना भी ऐतिहासिक हो गई है. कुछ दिन पहले अमेरिकी प्रशासन ने ह्यूस्टन में चीनी दूतावास बंद करने का आदेश दिया था. किन्तु इतने दिनों बीत जाने के बाद भी इस आदेश पर अमल नहीं किया गया था. अंततोगत्वा अमेरिका को अपने आदेश को लागू कराने के लिए यह कदम उठाना पड़ा है. 


''जासूसी में संलग्न था दूतावास''


अमेरिकी प्रशासन ने इस बड़े कदम की कैफियत देते हुए बताया कि हूस्टन स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास जासूसी की गतिविधियों में संलग्न था. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के अनुसार यह दूतावास अमेरिका में चीन के जासूसी अभियान का हिस्सा था. जानकारी मिलते ही अमेरिकी सरकार ने अगले बहत्तर घंटों में इस दूतावास को खाली करने का आदेश जारी किया था. 


''बौद्धिक सम्पदा की चोरी चल रही थी''


पहले कभी कोई दूतावास किसी देश में ऐसा करने के लिए बंद नहीं कराया गया जैसा कि चीनी दूतावास बंद कराया गया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मीडिया को बताया कि हूस्टन का यह  दूतावास जासूसी और बौद्धिक संपदा की चोरी के एक चीनी केंद्र के रूप में काम कर रहा था इतना ही नहीं यह दूतावास अमेरिका में बीजिंग के जासूसी अभियानों का हिस्सा भी था.


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