नई दिल्ली. अमेरिका में बैठे नेता शायद अनुमान नहीं लगा सकते कि उनके पांच हज़ार सैनिक जो इराक की धरती पर पीसकीपिंग फोर्स की जिम्मेदारी बन कर आईएसआईएस से लड़ रहे हैं, वे तीन तरफ़ से घिर सकते हैं और तिहरी मार के शिकार हो सकते हैं..



 


इराक में तैयार हो रहा है अमेरिका से नफरत का लावा 


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अमेरिका ने कहा हमने सैनिकों को घातक हथियार दिए हैं. इराक में अमेरिका के पहले ही पांच हज़ार सैनिक है और वह और भी अधिक सैनिकों को वहां भेजने पर विचार कर रहा है. ये अमेरिका की नाक की लड़ाई नहीं है जो उसने बना रखी है पर उसको इसके खामियाजे का अनुमान नहीं है क्योंकि यहां तैयार हो रहा है अमेरिका विरोध का लावा.


एक तरफ है सीरिया का आईएसआईएस 


अमेरिका इराक सरकार के खर्चे पर वहां आईएसआईएस से दो-दो हाथ कर रहा है. आईएसआईएस अब पुराने किसम का बेहथियार और जिद्दी आतंकी संगठन नहीं रहा. अब तकनीक भी वहां पहुँच गई है और हथियार भी. हथियार तो पहले भी थे अब इन इस्लामी आतंकियों के पास आधुनिक और घातक किस्म के हथियार पहुँच चुके हैं जो अमेरिका विरोधी ताकतों के आईएसआईएस के साथ होने का प्रमाण है.



दूसरी तरफ है खोमैनी का ईरान 


ईरान को अगर अमेरिका कम करके आंकता है तो यह उसकी भूल होगी. अयातुल्ला खोमेनी का ईरान भी अब पुराने किस्म का ईरान नहीं है. अब वहां सोच में चालाकी और तकनीक में नवीनता पहुँच गई है.  पहले वाले इराक की तरह ईरान जिद्दी बन कर अमेरिका से आ बैल मुझे मार नहीं करेगा लेकिन ईरान अमेरिकी घुड़कियाँ भी नहीं सहेगा और उसको जवाब बराबर से देगा. वजह ज़ाहिर है, रूस और चीन उसके साथ हैं.


तीसरी तरफ है खुद इराक


बगदाद में अमरीकी दूतावास को जला देने की घटना छोटी घटना नहीं है क्योंकि पहले इस तरह से इस देश में लोग अमरीका पर क्रुद्ध नहीं देखे गए हैं. लेकिन अब उन्हें अमेरिका का मान न मान मैं तेरा मेहमान वाला रवैया समझ आ रहा है. लोगों में आईएसआईएस और ईरान के लिए सहानुभूति पैदा हो गई है और वजह है इस्लामिक सोच वाली एकता.


खोमैनी ने दे दी है चेतावनी अमेरिका को 


अमेरिका के लिए ईरान के सबसे बड़े नेता खोमेनी की चेतावनी सामने आ चुकी है. इसमें उन्होंने ईरान का निर्भीक रुख स्पष्ट करते हुए दो टूक तौर पर कह दिया है कि ईरान धमकियों का सामना करने को तैयार है. अब ज़मीनी या आसमानी दोनों तरह की जंग अमेरिका के लिए बहुत मुफीद नहीं होगी क्योंकि उसके सैनिक उस ईराक की ज़मीन पर हैं जिसके एक तरफ सीरिया और दूसरी तरफ ईरान है. 


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