नई दिल्ली: समंदर में चीन के दादीगिरी खत्म करने के लिए अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाया है. आज अमेरिका भारत के साथ अंडमान निकोबार में नौसेना का युद्बाभ्यास करने वाला है. इसके लिए अमेरिका ने अपने सबसे बड़े युद्धपोत यूएसएस निमित्ज को अंडमान सागर में भेजा है.


आज समंदर में 'तूफान' आने वाला है!


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1. आज भारत और अमेरिका की नौसेना का युद्धाभ्यास
2. अंडमान में भारत के साथ अमेरिका का युद्धाभ्यास
3. अंडमान पहुंचा अमेरिका का सबसे बड़ा विमानवाहक युद्धपोत निमित्‍ज
4. निमित्‍ज 90 फाइटर जेट के साथ करेगा युद्धाभ्यास
5. चीन के अतिक्रमण के खिलाफ भारत-अमेरिका साथ-साथ


चीन के खिलाफ भारत-अमेरिका की 'ललकार'


घातक मिसाइलों से लैस अमेरिकी विमानवाहक पोत निमित्ज मलक्का स्‍ट्रेट के रास्ते अंडमान-निकोबार के पास पहुंचा है. आज यह अमेरिकी विमानवाहक पोत भारत के साथ युद्धाभ्यास करेगा. ये बताते हैं कि चीन के विस्तारवाद के खिलाफ भारत- अमेरिका साथ-साथ है, चीन के खिलाफ दो सबसे महान लोकतंत्र की ये 'ललकार' है.


समंदर में नहीं चलेगी चमगादड़ चीन की चालाकी


समंदर में चीन किसी भी तरह की साज़िश ना कर सके, इसके लिए भारत ने अपनी रणनीति को और तेज़ कर दिया है. हिंद महासागर जहां चीन की एक बार फिर बुरी नज़र हैं. वहां भारतीय नौसेना ने अपनी निगरानी बहुत बढ़ा दी है. साथ ही चीन की किसी भी गुस्ताखी को रोकने के लिए अब भारत ने अपना सहयोग अमेरिका और जापान की नौसेना के साथ बढ़ा दिया है जिससे चीन को एक कड़ा संदेश मिल चुका है.


अमेरिका का सुपर कैरियर यूएसएस निमित्ज अंडमान-निकोबार पहुंच गया है. अमेरिकी विमानवाहक पोत इंडियन नेवी के साथ आज युद्धाभ्‍यास करेगा. लद्दाख में भारत के साथ जारी तनाव के बीच अमेरिका ने अपने सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर को हिंद महासागर में भेजकर चीन को बेहद सख्त संदेश दिया है. वहीं भारतीय वायुसेना के 10 Jaguars लड़ाकू विमान भी निकोबार पहुंच गए है साथ ही जापान ने साउथ चाइना सी में अपने लड़ाकू विमान तैनात कर दिए है.


इसे भी पढ़ें: भारत ने तोड़ा चीन का मनोबल, हासिल की मनोवैज्ञानिक बढ़त


भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया हिंद महासागर में चीन को घेरने के लिए तैयार बैठे हैं. अगर अब चीन ने कोई भी हिमाकत की तो उसका अंजाम उसे भुगतना पड़ेगा. यानी चीन को संदेश साफ है कि अपने विस्तारवादी मंसूबे को बंद करे. नहीं तो धरती, आकाश और समंदर पर एक साथ तीन मोर्चों पर उसकी घेराबंदी शुरू हो गई है. जिससे बचना चीन के लिए मुश्किल होगा.


इसे भी पढ़ें: पैंगोंग में चीन के सैनिक अब भी मौजूद, सैटेलाइट तस्वीरों से बड़ा खुलासा!



इसे भी पढ़ें: अब ड्रैगन को जापान की चोट, 57 कंपनियां छोड़ेंगी चीन