नई दिल्ली: भले ही पाकिस्तान चीन को अपना सबसे क़रीबी, सबसे विश्वसनीय, सबसे भरोसेमंद दोस्त मानता रहा हो. लेकिन जो खुलासा अमेरिका ने चीन को लेकर किया है उससे ये बात साफ हो गई है कि चीन ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी साजिश रच रहा है, जिसका खामियाजा पाकिस्तान ने एक बार फिर गुलामी की पीढ़ियों में जकड़कर उठाने वाला है.


ड्रैगन की चाल से बर्बाद होने वाला है पाकिस्तान


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दरअसल तंगहाली और गुरबत में जी रहे कंगालिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने सत्ता में आने के बाद सोचा था एशिया और विश्व की सबसे ताकतवर महाशक्तियों में शुमार चीन से पाकिस्तान की दोस्ती उनके देश के लिये सुनहरे युग की शुरुआत करेगी. चीन न सिर्फ पाकिस्तान की कर्ज देकर मदद करेगा, बल्कि उसकी गिरती अर्थव्यवस्था और बेरोजगार आवाम को रोजगार के अवसर देकर मजबूत होने के मौके भी मुहैया कराएगा. यही वजह थी कि पाकिस्तान ने अपने पारंपरिक दोस्त अमेरिका को भुलाकर चीन से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी.


चालबाज चीन का गुलाम बन जाएगा आतंकिस्तान


चीन की व्यापारिक महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने उसे अपनी सरजमीं से होकर गुज़रने वाले CPEC कॉरिडोर के मद्देनजर जमीन भी दी. लेकिन चीन पाक कॉरिडोर के बहाने ही चालबाज चीन अब पाकिस्तान को अपना गुलाम बनाने के लिए बड़ी साजिश रच रहा है. ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद अमेरिका ने किया है.


अमेरिका ने खुलासा किया है कि चीन CPEC के नाम पर पाकिस्तान में ऐसे निवेश कर रहा है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ है. अमेरिका के मुताबिक़ CPEC योजना के लिए चीन की रणनीति में पारदर्शिता बिलकुल नहीं है. जिसका सीधा सीधा मतलब है कि चीन पाकिस्तान का इस्तेमाल अपने कारोबारियों को बड़ा फायदा पहुंचाने के लिए कर रहा है.


इमरान की बेबसी से पाकिस्तान हो जाएगा लाचार


अमेरिका को डर है कि जिस तरह से चीन ने पाकिस्तान में CPEC के बहाने बेतहाशा निवेश किया है. इस बात की पूरी संभावना बनती है कि चीन अब इस कर्ज के एहसान का इस्तेमाल पाकिस्तान को ब्लैकमेल करने के लिए कर सकता है. खास तौर से इसलिये क्योंकि न तो पाकिस्तान इस हालत में है कि वह चीन का कर्ज वापस लौटा सके और न ही उसकी सैन्य क्षमता इतनी मजबूत है कि वह चीन के खिलाफ युद्ध में सामना कर सके. यानी अगर कभी भविष्य में चीन ने पाकिस्तान से अपना कर्ज वापस मांगा तो पाकिस्तान बेबसी की हालत में चीन की कॉलोनी बन जाएगा. 


दक्षिण मध्य एशिया के लिए अमेरिका की विदेश मंत्रालय की कार्यवाहक सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने कहा है कि चीन पाकिस्तान में कोरोना अब हमारी के संकट के दौरान गैर पारदर्शी ढंग से निवेश कर रहा है. इससे न तो स्थानीय प्रशासन को फायदा है, न ही पर्यावरण को और न ही स्थानीय लोगों को. इसलिए अब चीन को पाकिस्तान को दिए अपने इस कर्ज़ का भार कम करना होगा.


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अमेरिका ने चीन को चेतावनी भी दी है कि या तो वो पाकिस्तान को दिए अपने कर्ज को माफ करे या फिर इसका पुनर्गठन करे. अवसरों का फायदा उठाना गलत नहीं है लेकिन पाकिस्तान के साथ चीन का व्यवहार किसी बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है, जो कुछ और नहीं फिलहाल सिर्फ चीन की साजिश नजर आता है.


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