नागरिकता संशोधन कानून को चीन ने बताया भारत का अंदरूनी मामला
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भले ही पाकिस्तान ने आपत्ति जताते हुए इसे मुस्लिमों का उत्पीड़न करार दिया था, लेकिन उसके सदाबहार दोस्त चीन ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया.
दिल्ली: कोलकाता में चीन के कौंसुल जनरल झा लियोउ ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा कि यह भारत से जुड़ा मसला है और उसे ही निपटाना है. हम भारत के अंदरूनी मामलों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकते.
भारत और चीन के रिश्ते शानदार
चीनी राजनयिक ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते शानदार हैं. भारत और चीन दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर शक्तियां हैं. बता दें कि बीते सप्ताह संसद से पारित हुए इस कानून के विरोध में पूर्वोत्तर और दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर इस ऐक्ट को वापस लेने का आग्रह किया था. बता दें कि बीते सप्ताह संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार संस्था ने नागरिकता संशोधन कानून की यह कहते हुए निंदा की थी, यह भेद पैदा करने वाला है.
पाकिस्तान बोला- नहीं घटी हिंदुओं की आबादी
पाकिस्तान ने भारत सरकार के उस आरोप को खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान हिंदुओं समेत तमाम अल्पसंख्यक समुदायों की आबादी में कमी आई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत का यह दावा गलत है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 1947 में 23 पर्सेंट थी और अब यह घटकर 3.7 पर्सेंट के करीब आ गई है.
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भारत के मुसलमानों को नहीं मिलेगी पाकिस्तान में पनाह
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने नागरिकता क़ानून पर भारत से बदला लेने की ठान ली है. भारत के भीतर तो उनका बस चलता नहीं इसलिए उन्होंने अपने देश याने कि पकिस्तान में इस बदले को अंजाम देने की योजना बनाई है. इमरान ने फैसला किया है कि वे भारत से पाकिस्तान में आने वाले मुस्लिमों को जगह नहीं देंगे.