नई दिल्ली. पर्यावरण-विशेषज्ञ बरसों से कहते आ रहे हैं कि प्रकृति का क्रोध मानवता पर बहुत भारी पड़ सकता है. लेकिन प्रकृति के शोषण का चक्र हर बड़े देश में लगातार जारी है. अब हालात ऐसे पैदा हो रहे हैं कि लगता है कि चुकाने का समय आ गया है. सीक्रेट सैटेलाइट से ली गई माउंट एवरेस्ट की तस्वीरें ऐसी ही एक कहानी कहती हैं. 



चौंका दिया तस्वीरों ने 


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अमेरिका में माउंट एवरेस्ट की कुछ तस्वीरें ली गईं जो कि सामान्य कैमरे से नहीं बल्कि सीक्रेट सैटेलाइट से ली गईं. बाद में जब इन तस्वीरों को डेवलप किया गया तो चौंका देने वाली कुछ बातें सामने आईं. इन तस्वीरों ने दिखाया कि समय के साथ माउंट एवरेस्ट के आसपास ग्लेशियरों में किस तरह का बदलाव आ रहा है और ये बदलाव क्यों आ रहा है.


पिघल रहे हैं ग्लेशियर बड़ी तेज़ी से 


क्लाइमेट चेंज का सबसे बड़ा नुकसान इन तस्वीरों में साफ़ साफ़ देखा जा सकता है. पहले की तरह पुष्ट हिमालयी पहाड़ अब उतने पुष्ट नहीं रहे जो इन तस्वीरों में साफ नज़र आ रहा है. अब ये ग्लेशियर पिघल रहे हैं और डरावनी बात ये है कि ये ग्लेशियर बहुत तेज़ी से पिघल रहे हैं.



माउंट एवरेस्ट हुआ है पहले से दुर्बल


सैन फ्रांसिको के वैज्ञानिकों ने बताया कि उनकी सीक्रेट सैटेलाइट से ली गई माउंट एवरेस्ट की तस्वीरों ने डरावना सच सामने रखा है जो कि बताता है कि माउंट एवरेस्ट के आसपास के ग्लेशियरों की बर्फ तेजी से खत्म हो रही है. जिस तेज़ी से ये ग्लेशियर पिघल रहे हैं वो स्पीड आने वाले 100 सालों में स्थिति को और भयावह कर देगी. 


55 सालों की तस्वीरें कैद हैं इस सेटेलाइट कैमरे में 


यह अमरीकन सीक्रेट सेटेलाइट 1962 से 2018 तक माउन्ट एवरेस्ट की बहुत सी तस्वीरें लेता रहा है. इन हालिया तस्वीरों के पहले इसी सिलिसिले में अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन ने 13 दिसंबर को दुनिया के लिए एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें माउंट एवरेस्ट के आस-पास के पिघलते ग्लेशियरों के खतरे को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई है.


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