नई दिल्लीः एक देश, जो महाशक्ति कहलाता है. सारे विश्व में उसका डंका बजता है. हर अच्छी और बेहतरी की उपमा देने के लिए आप इस देश की व्यवस्थाओं का जब-तब हवाला देते रहते हैं. लेकिन, जरा ठहरिए, थोड़ा गौर से सोचिए, स्थिति कितनी विकट है और समस्या कितनी गंभीर है.


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यह देश अमेरिका है, जो आज कोरोना से जूझ रहा है. अगर संक्रमितों और यहां होने वाली मौतों के आंकड़े कुछ कम या सामान्य होते तो हम बेशक लिखते कि अमेरिका कोरोना से मोर्चा ले रहा है, जंग लड़ रहा है, लेकिन नहीं.. जो स्थिति है, उसके लिए अमेरिका का जूझना ही मुफीद है.


आखिर कैसी है स्थिति
स्थिति के अंदाजे बयां के लिए मोटा-मोटी आंकड़े को छोड़ें और ऐसे समझें कि दुनिया के एक चौथाई से ज्यादा लोग अमेरिका में कोरोना पॉजिटिव हैं. सिर्फ अकेले न्यूयार्क सिटी की बात करें तो यहां 4778 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है, जबकि सिटी में अकेले 87000 लोग संक्रमित हैं.


अब सोच लीजिए कि पूरे अमेरिका की क्या हालात है. इस खौफनाक-दर्दनाक मंजर को लिखने-दिखाने का मकसद किसी को डराने का नहीं है, बल्कि यह सिर्फ चेताने की एक कोशिश है कि भारत में कहीं-कहीं जिस तरह से पाबंदियों का उल्लंघन हो रहा है, वह हमारे लिए कितना बड़ा खतरा बन सकती है. 


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न्यूयार्क से आ रही हैं ऐसी तस्वीरें
इस भयावह स्थिति का दूसरा पहलू यह है कि जो लोग मर रहे हैं, उनमें से कई के मृतक शरीरों पर तो कोई क्लेम ही नहीं कर रहा है. ताबूत के ताबूत वहां लाइन से रखे गए हैं. उन्हें कहां दफन किया जाए और कैसे यह भी एक बड़ी मुश्किल है. न्यूयॉर्क सिटी से आ रही तस्वीरों में दावा किया जा रहा है कि न्यूयार्क सिटी के हार्ट आइलैंड में शवों को एक कब्र में सामूहिक दफन किया गया है.



बताया जा रहा है कि 25-30 कॉफिन एक साथ मशीनों के जरिए जमीन में दबाए गए. इनको दफन करते हुए कोई परिवार आसपास नहीं था. केवल पूरी तरह खुद को ढके हुए कुछ लेबर और वर्कर दिख रहे हैं. मशीनों के जरिए दफन प्रक्रिया अपनाई जा रही है. 


हार्ट आईलैंड ही क्यों बनी सामूहिक कब्रगाह
इन शवों के किसी परिजन का दावा न होने का अंदाजा इससे लगाया जा रहा है क्योंकि यह शव हार्ट आइलैंड में दफन किए जा रहे हैं. दरअसल हार्ट आईलैंड वह जगह है, जहां न्यूयार्क के उन लोगों को दफन किया जाता है, जिनका कोई वारिस न हो, जो बिल्कुल अंजान व अकेले हों.



ऐसे में यह काम इस आईलैंड पर स्थित एक जेल के कैदी करते हैं. यह उनके सश्रम कारावास में शामिल होता होगा शायद, लेकिन अभी शवों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई है कि स्थानीय प्रशासन को इसके लिए भी कान्ट्रैक्ट जारी करना पड़ा और ठेका दे दिया गया. 


एक-एक दिन में आ रहे 24-25 शव
अमेरिका में न्यूयार्क सिटी कोरोना महामारी के केंद्र बन गया है. यहां इससे होने वाली मौतों में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है. लिहाजा जिस आईलैंड पर हफ्ते-10 दिन में 20-25 शव आते थे, वहां रोज कम से कम ठेके के लेबर 24-25 शवों को लेकर पहुंच रहे हैं.


तस्वीरों में दिख रहा है कि पूरी तरह सफेद लिबास से ढके हुए दर्जन भर मजदूर इस काम को अंजाम दे रहे हैं. 


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