नई दिल्ली. चीन के बाद अगर किसी देश में कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है तो वह है मध्य पूर्व का देश ईरान.  ईरान में कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब सेना की तैनाती हुई है और दूसरी तरफ कोरोना से मरने वालों की संख्‍या 77 हो गई है. 



 


डेढ़ हज़ार लोग हो गए हैं संक्रमित 


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ईरान में कोरोना ने अपना भयंकर रूप दिखाना शुरू कर दिया है. अब तक यह सतत्तर जानें ले चुका है और कुल 1,501 लोगों को संक्रमित भी कर चुका है. मंगलवार 3 मार्च को 11 कोरोना मरीजों की मौत की जानकारी मिली है. ईरान के ही सरकारी रेडियो के मुताबिक़ ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामनेई के सलाहकार परिषद का एक सदस्य भी इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो कर मारा गया है. 


कई शीर्ष अधिकारी हैं पीड़ित 


 ईरान से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के कई उच्चाधिकारी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं जिनमें  ईरान के उप राष्ट्रपति मसुमेह एब्तेकार भी शामिल हैं. कोरोना वायरस से मारे गए मोहम्मद मीरमोहम्मदी  खामनेई के सलाहकारी परिषद के सदस्य थे. सरकारी प्रवक्ता ने देश के मीडिया को बताया कि संभावना है कि हम अगले दो हफ़्तों के भीतर हालात को काबू करने में कामयाब हो जाएंगे. अभी दो सप्ताह का वक्त मुश्किल गुजरेगा.



 


आम जनता में है नाराज़गी 


ईरान मीडिया से प्राप्त समाचारों के अनुसार देश के आम लोग सरकार से नाराज़ हैं. उनका मानना है कि कि सरकार ने बीमारी से निपटने के लिए अच्छी और व्यापक तैयारी नहीं की. बात सही भी है क्योंकि कोरोना के संक्रमण की शुरुआत में ईरान सरकार ने मामले को दबाने की कोशिश की थी जो कि बाद में सामने आ ही गई. अब यह संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है जिसके मद्देनज़र सरकार ने देश के तीन लाख सैनिकों को वायरस से निपटने की ज़िम्मेदारी दी है.


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