नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ विश्व युद्ध अब छिड़ा चुका है. मोदी की पहल पर G-20 देश साथ आ गए हैं. ये हाथ मिलाने का दौर नहीं है, ये एक दूसरे के देश क्या घर जाने का भी दौर नहीं है. ये सोशल डिस्टेंसिंग का दौर है और इसलिए दुनिया की दो तिहाई आबादी की नुमाइंदगी करने वाला संगठन G-20 एक साथ आया.


कोरोना के खिलाफ शुरू हो गया "विश्व युद्ध"


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कोरोना वायरस के खिलाफ जी-20 देश एक साथ आ गए हैं. कोराना वायरस से लड़ने के लिए जी-20 देश ग्लोबल इकॉनमी में 370 लाख करोड़ की मदद करेंगे. आपको बता दें, कोरोना वायरस के खिलाफ पीएम मोदी की पहल की जी-20 देशों ने तारीफ की.


पहली बार G-20 की वर्चुअल समिट हुई ऐसा पहली बार हुआ कि G-20 सम्मेलन किसी एक शहर में नहीं हुआ. कोरोना के खिलाफ हुई इस बैठक में पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, बैठक की अध्यक्षता कर रहे सऊदी किंग भी शामिल हुए जिनकी अध्यक्षता में ये बैठक हुई.


G-20 के 'योद्धाओं' का कोरोना के खिलाफ 'युद्ध'


  • प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर G-20 देशों की बैठक

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ G-20 वर्चुअल सम्मेलन

  • सऊदी अरब के किंग सलमान ने वर्चुअल सम्मेलन की अध्यक्षता की

  • कोरोना महामारी से निपटने पर G-20 देशों के बीच चर्चा

  • कोरोना वायरस पर रिसर्च और वैक्सीन ढूंढने को प्राथमिकता

  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मैक्रॉं भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए


भारत G20 समूह का सदस्य देश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 20 के समूह की महत्वपूर्ण भूमिका है.


वर्चुअल समिट में कोरोना को लेकर विश्व नेताओं ने अपने विचार साझा किए. G-20 में कोरोना संकट को खत्म करने के लिए ग्लोबल रणनीति बनाने पर भी चर्चा हुई. इटली, स्पेन और अमेरिका जैसे देश वो देश जो कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हैं वो भी G-20 में शामिल हैं. इसलिए मोदी की पहल पर बुलाई गई ये बैठक और भी अहम थी.


PM मोदी ने कही थी ये अहम बात


24 मार्च 2020 को नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री ने कहा था कि "चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली, ईरान जैसे अनेक देशों में जब कोरोना वायरस ने फैलना शुरु किया तो हालात बेकाबू हो गए. और ये भी याद रखिए इटली हो या अमेरिका  इन देशों की स्वास्थ सेवा, उनके अस्पताल, उनके आधुनिक संसाधन पूरी दुनिया में बेहतरीन हैं. उनकी व्यवस्थाएं बेहतरीन मानी जाती हैं. बावजूद इसके ये देश कोरोना का प्रभाव कम नहीं कर पाए"


पीएम मोदी का "विश्व कल्याण मंत्र"


तो क्या मोदी के 'विश्व कल्याण' मंत्र से ही कोरोना का अंत होगा क्योंकि पीएम मोदी की पहल पर ही SAARC देशों ने एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की. कोरोना से लड़ने के लिए SAARC को 73 करोड़ का फंड दिया. ईरान को टेस्ट लैब देने का प्रस्ताव दिया और रूस, ब्रिटेन और इजरायल भारत के संपर्क में थे.


G-20 बीस देशों का समूह है. सदस्य देश मिलकर दुनिया की जीडीपी का 85 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं. दुनिया के व्यापार में इन देशों का 80 प्रतिशत हिस्सा है और दुनिया की 2 तिहाई आबादी इन देशों में रहती है.


इसे भी पढ़ें: कोरोना के खिलाफ युद्ध में मोदी सरकार का 'ब्रह्मास्त्र'! देश को सबसे बड़ा तोहफा


प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदुस्तान को संयम और संकल्प का मंत्र दिया है. जाहिर है इसी मंत्र पर चलकर दुनिया भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आगे बढ़ सकती है. पीएम मोदी कह चुके हैं की हर संकट में एक अवसर छिपा होता है. उम्मीद यही है की जी-20 देशों के इस वर्चुअल मंच से कोरोना को बड़ा पंच लगेगा.


इसे भी पढ़ें: कोरोना को देंगे मात इकोनॉमी के लौटेंगे अच्छे दिन!



इसे भी पढ़ें: कोरोना संकट के बीच मोदी सरकार देश को देगी 1.70 लाख करोड़ की राहत