नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान के कपाल पर करारा प्रहार किया है. भारत सरकार की कूटनीति के आगे पाकिस्तान की हर चाल नाकाम हो गयी और भारत ने पूरे गौरव के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता हासिल की. भारत की सफलता से पाकिस्तान बौखला गया है.
भारत के पक्ष में 184 मत पड़े. भारत इससे पहले आठ बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है. गौरतलब है कि भारत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के एशिया-प्रशांत समूह का समर्थन प्राप्त करने वाला एकमात्र उम्मीदवार था और इस मुकाबले में कोई देश नहीं आया है.
बेहद बौखलाहट में है पाकिस्तान
आपको बता दें कि भारत की सफलता से पाकिस्तान इससे बेहद परेशान है. पाकिस्तान ने कहा है कि भारत का संयुक्त राष्ट्र संघ में सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जाना एक चिंता का विषय है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा है कि भारत का सुरक्षा परिषद में अस्थाई रूप से शामिल होना कोई बड़ी बात नहीं है. शर्म के मारे पाकिस्तान अपनी कूटनीतिक हार छिपाने की कोशिश कर रहा है.
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कब कब भारत रहा सदस्य
उल्लेखनीय है कि भारत 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य रह चुका है. सुरक्षा परिषद में मौजूदगी से किसी भी देश का यूएन प्रणाली में दखल और दबदबे का दायरा बढ़ जाता है. ऐसे में 8 साल बाद भारत का सुरक्षा परिषद में पहुंचना काफी अहम है. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र का सबसे अहम अंग है संयुक्त सुरक्षा परिषद जो कि पूरे विश्व में शक्ति संतुलन बनाकर रखता है. इस सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश शामिल हैं जिनमें से पांच देशों को स्थायी सदस्यता प्राप्त है.
विदेश मंत्रालय ने दी बधाई
भारत की इस उपलब्धि पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बधाई दी है. उन्होंने इस उपलब्धि को भारत के वैश्विक सामर्थ्य और गरिमा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों ने भारी समर्थन के साथ 2021-22 के लिए सुरक्षा परिषद की गैर-स्थायी सीट के लिए भारत का चुनाव किया है.