वाशिंगटन: ईरान के पास हफ्तों के भीतर परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री (समृद्ध यूरेनियम) हो सकती है. शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने बुधवार को सीनेटर्स को यह जानकारी दी है. अधिकारियों ने बंद कमरे में हुई ब्रीफिंग में सीनेटरों से यह बात कही है. साथ ही चेतावनी दी है कि ईरान ने 900 मील की दूरी के साथ एक नई मिसाइल का अनावरण किया जो इस क्षेत्र में अमेरिकी ठिकानों तक वार कर सकती है.
खैबर-बस्टर मिसाइल
आपको बता दें कि बुधवार को ईरान ने 900 मील की रेंज के साथ खैबर-बस्टर मिसाइल का अनावरण किया है. अमेरिकी राज्य मीडिया का कहना है कि मिसाइल में उच्च सटीकता है और यह शील्ड सिस्टम को हरा सकती है.
उधर वियना में जारी है वार्ता
अमेरिकी अधिकारियों का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए वियना में वार्ता के लिए महत्वपूर्ण क्षण है. तेहरान के टूटे हुए परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए वियना में बातचीत जारी है. विदेश संबंध समिति के मध्य पूर्व पैनल के अध्यक्ष सेन क्रिस मर्फी (डी-कॉन) ने पोलिटिको के नैटसेक डेली को बताया, 'मुझे इस सौदे को फिर से शुरू करने के अलावा ईरान की प्रगति को रोकने का कोई रास्ता नहीं दिखता है. हमें एक समझौते में वापस आने की कोशिश करने के बारे में गंभीर होना चाहिए.'
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के मध्य पूर्व के प्रमुख ब्रेट मैकगर्क और ईरान के लिए विशेष दूत रॉब मैले द्वारा वर्णित समयरेखा के बारे में कोई और विवरण नहीं दिया.
ईरान के पास मिसाइलों का सबसे बड़ा शस्त्रागार
अधिकारियों का कहना है कि वियना में बातचीत अहम चरण में है. व्हाइट हाउस ने कहा कि कोई और देरी हुई तो ईरान हथियार बनाने के बहुत करीब हो सकता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चार साल पहले 2015 के परमाणु समझौते से हटने के बाद से ईरान ने समृद्ध यूरेनियम के उत्पादन को आगे बढ़ाया है. वहीं रिपब्लिकन ने कहा कि ईरान ने मध्य पूर्व के माध्यम से अस्थिरता फैलाकर और लंबी दूरी की मिसाइलों को विकसित करके अपनी भावना का उल्लंघन किया है. ईरान के लिए इज़राइल का निकटतम बिंदु 620 मील दूर है, और ईरान के पास मिसाइलें हैं जो 1,250 मील तक की यात्रा कर सकती हैं. मध्य पूर्व में ईरान के पास मिसाइलों का सबसे बड़ा शस्त्रागार है.
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ईरानी स्टडीज के रियाद स्थित संस्थापक मोहम्मद एस अलसुलामी ने दावा किया कि ईरान ने 2015 के सौदे के तहत धोखा दिया था - हालांकि निरीक्षकों ने कहा कि उसने शर्तों का पालन किया था.
वाशिंगटन टाइम्स के अनुसार, वाशिंगटन स्थित नेशनल काउंसिल ऑन यूएस-अरब रिलेशंस द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन चर्चा में उन्होंने कहा, 'यह वही काम करेगा.' 'ईरान धोखा देगा और यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए और अधिक गुप्त स्थान रखेगा.'
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