अंतरिक्ष में खुली धरती की नई आंख, हबल से 100 गुना ताकतवर है जेम्स
इसे नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और कनाडाई स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है.
वाशिंगटन: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के लिए यह खुशी का दिन है. अंतरिक्ष में धरती की नई आंख सफलतापूर्वक खुल गई है. यह नई आंख है नासा का नया जेम्स वेब टेलिस्कोप. यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली टेलिस्कोप है जिसे नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और कनाडाई स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है.
अंतिम मिरर खुल गया
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का अंतिम मिरर पैनल पूरी तरह से खुल गया. फूल की आकृति का सोने से बना यह पैनल खुलने के बाद टेलीस्कोप अंतरिक्ष में पूरी तरह से तैनात हो गया है. जेम्स वेब टेलिस्कोप नासा के पुराने हबल टेलिस्कोप की जगह लेगा जिसे अब तक स्पेस में अंतरिक्ष की आंख कहा जाता था. करीब 9 खरब की लागत से बना यह टेलीस्कोप हबल स्पेस टेलीस्कोप से अधिक शक्तिशाली है. यह 13.7 अरब साल पहले बने सितारों व आकाशगंगाओं का अध्ययन करने में सक्षम है.
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नासा ने दी जानकारी
नासा ने ट्वीट कर कहा, 'आखिरी विंग तैनात हो गया है.' टेलीस्कोप के संचालन में यह अंतिम बड़ी बाधा थी. 21 फुट लंबे इस पैनल को टेलीस्कोप की 'गोल्डन आई' कहा गया है. जिसकी चौड़ाई करीब 21.32 फीट है. यह मिरर बेरिलियम से बने 18 षटकोण टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है. हर टुकड़े पर 48.2 ग्राम सोने की परत चढ़ी हुई है जिससे यह एक परावर्तक की तरह काम करता है.
नासा के विज्ञान मिशन प्रमुख थॉमस जुर्बुचेन ने कहा: 'मैं इसे लेकर भावुक हूं. क्या अद्भुत मील का पत्थर है. हम उस खूबसूरत पैटर्न को अब आकाश में देखते हैं.'टेलीस्कोप इतना बड़ा है कि इसे दो हफ्ते पहले फ्रेंच गुयाना से लॉन्च किए गए रॉकेट में फिट होने के लिए ओरिगेमी-शैली में मोड़ना पड़ा. अगर सब कुछ ठीक चलता रहा, तो इस गर्मी में विज्ञान के अवलोकन शुरू हो जाएंगे. वेब को अगले दो सप्ताह में दस लाख मील दूर अपने गंतव्य तक पहुंचना चाहिए.
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